नक्सलियों की नए रणनीति के तहत राजनांदगांव-कवर्धा-बालाघाट-अमरकंटक-उमरिया होते हुए उत्तर प्रदेश तक विस्तार करना है जिसकी शुरूआत कवर्धा जिले से कर चुके है… नक्सलियों का विस्तार टीम-02 और विस्तार टीम -03 यहां सक्रिय है जो कि कवर्धा, राजनांदगांव और मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में बैगा आदिवासी ग्रामीणों की बैठक लेकर अपना विस्तार कर रहे है… कवर्धा जिले के रेंगाखार और चिल्फी थाना क्षेत्रों के बीच घने जंगल में नक्सली गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों से संपर्क बनाये हुए है और बैठक लेकर ग्रामीणों को बरगलाने में लगे है।
हालांकि दोनों ही प्रदेशों की पुलिस इस पर अंकुश लगाने में लगी है लेकिन जिस तरह से नक्सली लगातार अपनी पैठ बैगा आदिवासी क्षेत्रों में जमा रहे है इससे लगता है कि आनेवाले सालों में कवर्धा और राजनादगांव जिला बस्तर की तरह नक्सलियों का गढ न बन जाये… क्योंकि यहां के जंगल बस्तर की जंगल से भी ज्यादा घने और पहाडी है …ऐसे में ये पुलिस को बड़ी चुनौती देने वाले हैं। कवर्धा में नक्सलियों की बढती आमद को देखते हुए ही सीएएफ की 17 वीं बटालियन की एक बटालियन पहले से ही यहां तैनात की गई है जो कि काफी नहीं है… ऐसे में अब केन्द्र सरकार ने सीएफ की एक कंपनी यहां तैनात करने की मंजूरी दे दी है… जो कि सुदूर वनांचल गांव बोक्करखार में कंपनी के लिए पोस्ट बनाया जायेगा… कुछ ही दिनों में कंपनी यहां तैनात हो जायेगी जिसके बाद नक्सलियों से निपटने में आसानी होगी।