मुंबई, 19 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के एससी विभाग के प्रमुख नितिन राउत ने उत्तरप्रदेश में सोमवार को राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि वहां कानून-व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गया है और इस बारे में वहां की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में राउत ने दावा किया कि दलितों और महिलाओं के खिलाफ अपराध, बलात्कार और हत्या की घटनाएं कई गुना बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश में फासीवादी भाजपा शासन ने दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार का एजेंडा तैयार कर रखा है।’’
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में पिछले चार वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराध 67 फीसदी से अधिक बढ़ गया है जबकि बलात्कार की घटनाओं से महिलाओं में भय का वातावरण पैदा हुआ है।
उन्होंने महिलाओं और अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के खिलाफ अपराध की समय पर एवं वैज्ञानिक तरीके से जांच के अभाव के लिए वहां की एजेंसियों को दोषी ठहराया और कहा कि कई बार मामले दर्ज नहीं किए जाते हैं।
राउत ने कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को चप्पल-जूतों की माला पहनाई जा रही है, उनको नंगा करके घुमाया जा रहा है, अंतिम संस्कार के लिए जगह देने से मना किया जा रहा है और उनके जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हाथरस की घटना के बाद उत्तरप्रदेश के बलरामपुर, बुलंदशहर और आजमगढ़ जैसे स्थानों से बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो दुनिया भर में सुर्खियां बन रही हैं।
ज्ञापन में कहा गया, ‘‘इसलिए देशहित में कानून का राज स्थापित करने और समाज में शांतिपूर्ण तरीके से रहने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत है।’’
भाषा नीरज नीरज माधव
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