मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) अभिनेता गुलशन देवैया का कहना है कि उन्होंने फिल्म जगत में एक दशक बाद ही सही खुद को ऐसी फिल्मों के लिये पेश करना शुरू कर दिया है, जिनमें वह दिलचस्पी रखते हैं।
देवैया ने 2011 में ”शैतान” से फिल्मी सफर शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने ”हंटर” (2015) और वासन बाला की 2018 में आई एक्शन-कॉमेडी पर आधारित फिल्म ”मर्द को दर्द नहीं होता” समेत कई फिल्मों में अभिनय किया।
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अभिनेता ने कहा कि ”थोड़ी देर” से ही सही, उन्होंने फिल्मों को लेकर अपनी पसंद और नापसंद तय करना शुरू कर दिया है।
देवैया ने कहा कि उन्होंने यह महसूस करने के बाद ऐसा करना शुरू किया है कि कला में प्रतिभा का कोई पैमाना नहीं होता क्योंकि एक व्यक्ति की काबिलियत से दूसरे व्यक्ति की प्रतिभा की तुलना करना मुश्किल होता है।
उन्होंने कहा, ”आप एकाध फिल्म से खुद को साबित नहीं कर सकते। ऐसे में क्या किया जा सकता है? यह सबकुछ विमर्श पर आधारित होता है। हम सभी विमर्श तय करने में लगे रहते हैं, यही वजह है कि कलाकार अपने पीआर, इंस्टाग्राम, महंगे कपड़े पहनकर और बड़े-बड़े लोगों से मिल-जुलकर विमर्श को नियंत्रित करना पसंद करते हैं।”
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अभिनेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”उनमें से कुछ बिना सोचे-समझे ऐसा करते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि कला में प्रतिभा का कोई पैमाना नहीं होता। मैं इसे लेकर बहुत सावधान रहता हूं, तो मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि मुझे मौके नहीं मिल रहे। क्योंकि आप विमर्श की लड़ाई लड़ रहे हैं , ऐसे में अगर आप अपने करियर को धक्का नहीं लगाओगे तो आगे नहीं बढ़ पाओगे।”
भले ही देवैया को उनके अभिनय के लिये सराहा जाता रहा हो, लेकिन उन्हें लगता है कि वह और बेहतर कर सकते हैं।
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