(SBI Share Price, Image Credit: ANI News)
SBI Share Price: आज बुधवार 17 सितंबर 2025 को भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में मजबूती देखने को मिली, जब इस सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने घोषणा की कि, उसने जापानी समूह सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एसएमबीसी) को यस बैंक में 13.18% हिस्सेदारी बेच दी है। इस सौदे का सकारात्मक प्रभाव बाजार में तुरंत देखने को मिला और एसबीआई के शेयरों में लगातार तीसरे सत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
इस सौदे की घोषणा के दिन, एसबीआई के शेयर करीब 856.15 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर कारोबार कर रहे थे, जो पिछले सत्रों की तुलना में तेजी को दर्शाता है। यह लगातार तीसरा दिन था जब एसबीआई के शेयरों में मजबूती दर्ज की गई। दूसरी ओर, यस बैंक के शेयरों में मामूली गिरावट देखी गई और वह लगभग 20.94 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
दरअसल, एसएमबीसी द्वारा यस बैंक में 20% हिस्सेदारी खरीदने का समझौता मई 2025 की शुरुआत में हुआ था। यह सौदा भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़े विदेशी निवेशों में से एक बताया जा रहा है। इस निवेश के पूरा होने के बाद, एसएमबीसी यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक हो जाएगा।
| विवरण | आंकड़ा |
| वर्तमान मूल्य | ₹856.15 |
| दिन की बढ़त | +₹24.60 (2.96%) |
| अंतिम अपडेट | 17 Sept, 2:53 PM IST |
| ओपनिंग प्राइस | ₹834.30 |
| दिन का उच्चतम | ₹857.75 |
| दिन का न्यूनतम | ₹831.00 |
| मार्केट कैप | ₹7.90 लाख करोड़ |
| P/E अनुपात | 9.62 |
| डिविडेंड यील्ड | 1.86% |
| 52-सप्ताह उच्चतम | ₹875.45 |
| 52-सप्ताह न्यूनतम | ₹680.00 |
| त्रैमासिक डिविडेंड | ₹3.98 |
एसएमबीसी द्वारा एसबीआई से खरीदी गई 13.18% हिस्सेदारी की कीमत लगभग 8,889 करोड़ रुपये है। बाकी की हिस्सेदारी करीब 7% अन्य भारतीय बैंकों जैसे एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, फेडरल बैंक, बंधन बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक सहित भारतीय बैंकों के एक समूह से खरीदने वाला था। इन बैंकों ने 2020 में यस बैंक के पुनर्गठन के दौरान 10 रुपये प्रति शेयर की दर से निवेश किया था।
एसबीआई ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘एसबीआई और अन्य शेयरधारक बैंकों द्वारा वाईबीएल में एसएमबीसी को आंशिक हिस्सेदारी की बिक्री भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़े सीमा पार निवेश का प्रतिनिधित्व करती है। इस लेनदेन को भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग सहित आवश्यक नियामक और वैधानिक अनुमोदन प्राप्त हो गए हैं।’ विनिवेश के बाद, एसबीआई के पास यस बैंक में 10.8% हिस्सेदारी बनी रहेगी।
एसबीआई चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने कहा, ‘2020 में आरबीआई द्वारा यस बैंक पुनर्गठन योजना एक अभिनव, अपनी तरह की पहली सार्वजनिक-निजी साझेदारी थी, जिसे भारत सरकार द्वारा पूर्ण समर्थन और सुविधा प्रदान की गई थी। 2020 में प्रमुख शेयरधारक के रूप में शामिल होने के बाद से यस बैंक के साथ उनके परिवर्तन में सहयोग करने की हमारी यात्रा पर हमें अविश्वसनीय रूप से गर्व है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत सरकार और आरबीआई के मार्गदर्शन में एसबीआई और अन्य बैंकों के सहयोगात्मक प्रयासों द्वारा एक बड़े बैंक के ग्राहक हितों की रक्षा का यह शायद सबसे अच्छा उदाहरण है। हम भारत के बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़े सीमा-पार लेनदेन के माध्यम से एक प्रमुख वित्तीय संस्थान, एसएमबीसी का एक रणनीतिक भागीदार के रूप में स्वागत करते हुए उत्साहित हैं। उनकी वैश्विक विशेषज्ञता यस बैंक की निरंतर प्रगति और भविष्य की महत्वाकांक्षाओं के लिए एक बेहतरीन पूरक होगी।’
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।