(Stock Market Outlook, Image Credit: IBC24 News Customize)
Stock Market Outlook: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट और CRR में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद, 6 जून को भारतीय इक्विटी बाजार में शानदार बढ़त देखी गई। निफ्टी ने 25,000 के स्तर को पार करते हुए मजबूत वृद्धि दर्ज की।
कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 746.95 अंक या 0.92 फीसदी बढ़कर 82,188.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 252.15 अंक या 1.02 फीसदी बढ़कर 25,003.05 पर पहुंच गया। इस दिन 2163 शेयरों में तेजी आई, जबकि 1712 शेयरों में गिरावट आई।
निफ्टी में सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयरों में श्रीराम फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, जेएसडब्ल्यू स्टील, एक्सिस बैंक और मारुति सुजुकी शामिल रहे। नुकसान में रहने वाले प्रमुख शेयरों में एचडीएफसी लाइफ, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा स्टील, भारती एयरटेल और सन फार्मा रहे।
वीकली आधार पर बाजार ने सकारात्मक वृद्धि दिखाई है और मिडकैप इंडेक्स में 3 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। निफ्टी में 1 फीसदी की वृद्धि के साथ व्यापक बाजार ने बेहतर प्रदर्शन किया। निफ्टी बैंक ने भी करीब 2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक का कहना है कि आरबीआई पॉलिसी के बाद निफ्टी में तेजी आई है। उन्होंने यह भी कहा कि कंसोलीडेशन के बाद निफ्टी 25,150 के स्तर को पार कर सकता है, जिससे 25,350 तक की बढ़त होने का अनुमान है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी रिसर्च का मानना है कि निफ्टी अगर 25,200 के ऊपर मजबूत ब्रेकआउट करता है, तो यह रैली के अगले चरण को ट्रिगर कर सकता है और निफ्टी 25,600 तक जा सकता है।
ब्याज दरों में कटौती से बाजार के सेंटीमेंट्स में सुधार हो सकता है और रेट-सेंसिटिव सेक्टर्स पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। रेलवे जैसे थीम-आधारित स्टॉक्स के अलावा, सेक्टरों में रोटेशनल बेसिस पर खरीदारी देखने को मिल सकती है।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि इस समय गिरावट पर चुनिंदा स्टॉक्स पर फोकस करते हुए ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति अपनानी चाहिए, जो बाजार में संभावित मुनाफे का अवसर प्रदान कर सकती है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।