Madhya Pradesh News/ image source: IBC24
MadhyaPradesh News: मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर रोजगार का मुद्दा गरमा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान के बाद बनी मोहन सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए दावा किया है कि बीते एक साल में प्रदेश सरकार ने “0 रोजगार” दिए हैं। उन्होंने X पर पोस्ट कर सरकार की नीतियों पर सीधा निशाना साधा और कहा कि “रोजगार सृजन के नाम पर सिर्फ़ दावे किए गए हैं, हकीकत में कुछ नहीं हुआ।”
मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले एक साल “0” लोगों को रोजगार दिया है। बीजेपी सरकार ने रोजगार सृजन के नाम पर सिर्फ़ दावे किए हैं, हकीकत में कुछ नहीं किया। प्रदेश का युवा आज भी बेरोजगारी की मार झेल रहा है। सरकार ने उद्योग, निवेश और विकास की बड़ी-बड़ी बातें कीं, लेकिन धरातल पर परिणाम शून्य…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 30, 2025
MadhyaPradesh News: कमलनाथ ने अपनी पोस्ट में लिखा, “प्रदेश का युवा आज भी बेरोजगारी की मार झेल रहा है। सरकार ने उद्योग, निवेश और विकास की बड़ी-बड़ी बातें कीं, लेकिन धरातल पर परिणाम शून्य हैं।” उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हर मंच से दावा किया कि “मध्य प्रदेश में निवेश आ रहा है” और “हजारों युवाओं को नौकरी मिलेगी”, लेकिन अब हकीकत सबके सामने है, “न नए कारखाने खुले, न नए उद्योग आए और न ही युवाओं के हाथों में रोजगार पहुँचा।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने निवेश के नाम पर जितने समझौते किए, उनमें से ज़्यादातर सिर्फ़ कागजों तक सीमित रह गए। धरातल पर कोई ठोस परियोजना शुरू नहीं हुई। परिणाम यह हुआ कि शिक्षित युवा अब नौकरी की तलाश में अन्य राज्यों का रुख कर रहे हैं। राज्य के रोजगार पोर्टल के आंकड़े भी इस स्थिति को और गंभीर बना देते हैं।
कमलनाथ ने कहा कि सरकारी नौकरियों की स्थिति भी चिंताजनक है। “भर्ती परीक्षाएँ सालों तक अटकी रहती हैं, और जब निकलती हैं तो घोटालों में फँस जाती हैं।”उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वास्तविक रोजगार देने की जगह आंकड़ों और प्रचार के खेल में लगी है। “सरकार हर मंच पर दावा करती है कि युवाओं को रोजगार मिल रहा है, लेकिन ज़मीन पर सिर्फ़ निराशा है,” उन्होंने कहा।
MadhyaPradesh News: जुलाई 2025 में जारी आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 25 लाख 68 हजार बेरोजगार युवा प्रदेश में पंजीकृत हैं। इनमें से 9 लाख से ज्यादा ऐसे हैं जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन या उससे अधिक शिक्षा हासिल की है। यानी सबसे अधिक शिक्षित वर्ग ही सबसे ज्यादा प्रभावित है। वहीं सरकार ने दावा किया है कि, सरकार ने 5 साल में 4 लाख रोजगार दिया है।
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