कौन थे दादा साहब फाल्के, इनकी याद में क्यों दिया जाता है भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार

कौन थे दादा साहब फाल्के, इनकी याद में क्यों दिया जाता है : Who was Dadasaheb Phalke, why the most prestigious award of Indian cinema

  •  
  • Publish Date - April 30, 2023 / 01:37 PM IST,
    Updated On - April 30, 2023 / 01:38 PM IST

मुंबई। आज भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले महान फिल्मकार दादा साहब फाल्के की जयंती है। दादा साहब फाल्के के प्रयासों के फलस्वरुप भारत में सिनेमा की शुरुआत हुई। राजा हरिशचंद्र का निर्माण और निर्देशन करके दादा साहब फाल्के साहब ने अपना नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अमर कर दिया।

यह भी पढ़े :  दुनिया का सबसे महंगा मोबाइल यूज करती है नीता अंबानी, कीमत सुनकर आपको भी लग सकता है झटका

भारतीय सिनेमा में उनके इस बड़े योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने सम्मान स्वरूप दादा साहब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत की। यह भारतीय सिनेमा जगत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह में से एक है। फिल्म बनाने वाले दादा साहेब पूरी फिल्म में ड्रेस डिजाइन से लेकर सारी चीजों को खुद ही संभालते थे। इसके सात ही बेहतरीन कहानी भी दर्शकों के लिए तैयार करते थे। दादा साहेब की पहली फिल्म का बजट महज 15 हजार रुपये थे। इस फिल्म से दादा साहेब ने इतिहास रच दिया।

यह भी पढ़े :  India News Today 30 April Live Update: कर्नाटक में पीएम मोदी की हुंकार, कहा- ‘जमानत पर बाहर कांग्रेस का शाही परिवार, दे रहे उपदेश’ 

दादा साहेब को आज उनके फिल्मी योगदान के लिए याद किया जाता है। 1969 में बॉलीवुड कलाकारों ने दादा साहेब को याद करने के लिए उनके नाम पर अवॉर्ड रक दिया। ये अवॉर्ड आज भी काफी प्रस्टीजियस माना जाता है। दादा साहेब फाल्के को उनकी बर्थएनिवर्सरी पर बॉलीवुड सितारों ने याद किया है।

दादा साहब फाल्के की फिल्में

राजा हरिश्चंद्र (1913)
मोहिनी भस्मासुर (1913)
सावित्री सत्यवान (1914)
लंका दहन (1917)
श्री कृष्ण जन्म (1918)
कालिया मर्दन (1919)
कंस वध (1920)
शकुंतला (1920)
संत तुकाराम (1921)
भक्त गोरा (1923)
सेतु बंधन (1932)
गंगावतरण (1937)

यह भी पढ़े :  तीन महीने बाद भी मंत्री की हत्या के मकसद का रहस्य बरकरार, विपक्षी दलों ने सरकार पर साधा निशाना