निर्वाचन आयुक्त गोयल के इस्तीफे पर बोले अखिलेश, 'चुनाव आयोग पर आखिर किसका दबाव' |

निर्वाचन आयुक्त गोयल के इस्तीफे पर बोले अखिलेश, ‘चुनाव आयोग पर आखिर किसका दबाव’

निर्वाचन आयुक्त गोयल के इस्तीफे पर बोले अखिलेश, 'चुनाव आयोग पर आखिर किसका दबाव'

:   Modified Date:  March 10, 2024 / 05:37 PM IST, Published Date : March 10, 2024/5:37 pm IST

लखनऊ, 10 मार्च (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त पद से इस्तीफा दिए जाने पर रविवार को कहा कि इस घटनाक्रम से सीधा सवाल उठता है कि आखिर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर किसका दबाव है।

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के पद से इस्तीफा दिए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर यादव ने यहां पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आखिर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक इकाई पर किसका दबाव है और वो भी चुनाव से पहले।

उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में कई बार ऐसा हुआ है, जहां भी दबाव पड़ा अधिकारियों को नौकरी छोड़कर जाना पड़ा, आयोग छोड़कर जाना पड़ा। सीधा सवाल उठता है कि आखिरकार, संवैधानिक और स्वतंत्र इकाई चुनाव आयोग पर किसका दबाव है, वह भी (लोकसभा) चुनाव से पहले।’

पंजाब कैडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अरुण गोयल ने शनिवार शाम निर्वाचन आयुक्त पद से इस्तीफा दे दिया। उनका कार्यकाल 2027 तक था हालांकि उन्होंने त्यागपत्र देने का कोई कारण नहीं बताया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आजमगढ़ में विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण को दिखावा करार देते हुए यादव ने कहा, ‘यह केवल दिखावा है। चुनाव आ गया है इसलिए दिखाना है कि हमने काम किया है। वह (मोदी) दूसरे के काम को अपना काम बता रहे हैं।’

उन्होंने पूछा, ‘आजमगढ़ और मुरादाबाद में हवाई अड्डों का निर्माण नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) और समाजवादी पार्टी ने करवाया था, जिनका आज उद्घाटन हुआ। भाजपा सरकार अपने विकास कार्यों का उद्घाटन करेगी या दूसरों के काम का ही उद्घाटन करती रहेगी?’

केंद्र सरकार द्वारा रसोई गैस सिलेंडर के दाम कम किए जाने के बारे में यादव ने कहा, ‘2014 में जब भाजपा की सरकार आई थी तब रसोई गैस सिलेंडर और डीजल-पेट्रोल के दाम कितने थे, सरसों के तेल के दाम कितने थे। आज कितना है, तो यह मुनाफा किसको दिया जा रहा है। पहले यह लोग (सरकार) मुनाफा कमा लेते हैं, उसके बाद 100 रुपये कम कर देते हैं।’

अखिलेश ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती जिस बड़े पैमाने पर होनी चाहिए थी वह नहीं हो पा रही है। उत्तर प्रदेश में जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं उन सब पर उंगली उठी है। परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं।

उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर पेपर लीक करती है ताकि उसे नौकरी ना देनी पड़े। इस बार बेरोजगार और शिक्षक दोनों मिलकर भाजपा का उत्तर प्रदेश से सफाया करेंगे।

सपा प्रमुख ने एक अन्य सवाल पर कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने हिस्से की बाकी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही करेगी।

भाषा सलीम जितेंद्र

जितेंद्र

 

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