बहराइच: वन विभाग के ‘शूटर’ ने आतंक मचाने वाली मादा भेड़िया को मार गिराया
बहराइच: वन विभाग के ‘शूटर’ ने आतंक मचाने वाली मादा भेड़िया को मार गिराया
बहराइच (उप्र), 14 दिसंबर (भाषा) जिले के कैसरगंज इलाके में वन विभाग के ‘शूटर’ ने आतंक का पर्याय बनी एक मादा भेड़िया को रविवार शाम मार गिराया, जबकि एक दिन पूर्व नर भेड़िए को मारा गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कैसरगंज तहसील के गोड़हिया नंबर चार गांव में भेड़िए के एक जोड़े को वन विभाग के शूटर ने दो दिन के भीतर एक-एक कर मार गिराया है। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के पश्चात करीब ढाई महीने के दरमियान वन विभाग के शूटरों द्वारा यहां छह भेड़िए मारे जा चुके हैं।
प्रभागीय वनाधिकारी राम सिंह यादव ने रविवार शाम ‘पीटीआई- भाषा’ से कहा, ‘आज शाम कैसरगंज तहसील के गांव- गोड़हिया नंबर चार के मजरा- जरूआ में पुनः भेड़िया आने की सूचना मिली थी। वन विभाग की बचाव टीम ड्रोन के साथ गांव में पहुंची। दो ड्रोन कैमरे लगाकर लगातार नजर रखी गयी। नदी की तरफ़ कछार में दूसरा ड्रोन आगे की तरफ़ से लगाया गया जिसमें भेड़िया दिखाई दिया। भेड़िया बड़े घास के झुरमुट में भाग रहा था। बचाव टीम ने गोली चलाई जिससे भेड़िए की मृत्यु हो गई।’’
डीएफओ ने बताया कि रविवार को मारी गई वन्यजीव करीब चार-पांच वर्ष उम्र की वयस्क मादा भेड़िया थी।
इससे पूर्व शनिवार दोपहर राहत अभियान के दौरान इसी गांव में नदी किनारे एक नर भेड़िए को मारा गया था। उन्होंने बताया कि माना जा रहा है कि भेड़िए के इस जोड़े ने बीते कुछ दिनों से इलाके में आतंक फैला रखा था। शनिवार तड़के करीब 3.30 बजे भेड़िए ने जरूआ गांव निवासी ग्रामीण रामकुमार की एक वर्षीय पुत्री आरवी को घर से उठा लिया था।
शनिवार को डीएफओ ने कहा था कि इस गांव से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित मल्लहनपुरवा गांव में बीती सात दिसंबर को भेड़िए ने चार माह के बच्चे को उठाया था। बच्चे के कपड़े व अवशेष गन्ने के एक खेत से मिले थे। इसी मल्लहनपुरवा गांव में 29 नवंबर से सात दिसंबर तक भेड़िए के तीन हमले हो चुके हैं।
गौरतलब है कि बहराइच जनपद के कुछ गांवों में नौ सितंबर से शुरू हुए भेड़ियों के हमलों से दस बच्चों व एक बुजुर्ग दंपति सहित बारह लोगों की मौत हो चुकी है। हमलों में कम से कम 32 लोग घायल हुए हैं।
योगी ने 27 सितंबर को यहां पहुंचकर हवाई सर्वेक्षण कर भेड़िए को सुरक्षित बचाने और पकड़े न जाने पर उसे गोली मारने के निर्देश दिए थे। प्रदेश के अन्य जनपदों व दूसरे राज्यों से बचाव विशेषज्ञ व शूटर बुलाकर अभियान चलाया जा रहा है। 28 सितंबर से अभी तक छह भेड़िए मारे जा चुके हैं।
भाषा सं आनन्द अमित नेत्रपाल
नेत्रपाल

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