मुख्यमंत्री योगी एक घुसपैठिये हैं, उत्तराखंड वापस भेजा जाना चाहिए : अखिलेश

मुख्यमंत्री योगी एक घुसपैठिये हैं, उत्तराखंड वापस भेजा जाना चाहिए : अखिलेश

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  • Publish Date - October 12, 2025 / 05:18 PM IST,
    Updated On - October 12, 2025 / 05:18 PM IST

लखनऊ, 12 सितंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना घुसपैठिए से करते हुए कहा कि वह उत्तराखंड से हैं और उन्हें राज्य वापस भेज दिया जाना चाहिए।

यादव ने समाजवाद के प्रणेता राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को लखनऊ के लोहिया पार्क में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के पास झूठे आंकड़े हैं। उन्होंने कहा, “अगर उनके आंकड़ों पर भरोसा किया जाए, तो आदमी भटक जाएगा।”

यादव ने दावा किया, “जो लोग पलायन के आंकड़े दे रहे हैं… हमारे उत्तर प्रदेश में भी घुसपैठिए हैं। मुख्यमंत्री उत्तराखंड से हैं। हम चाहते हैं कि उन्हें उत्तराखंड भेजा जाए। वह अकेले घुसपैठिए नहीं हैं, बल्कि विचारधारा के लिहाज से भी घुसपैठिए हैं। वह (आदित्यनाथ) भाजपा के सदस्य नहीं थे, बल्कि किसी और पार्टी के सदस्य थे। तो, इन घुसपैठियों को कब हटाया जाएगा।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में यह दावा किया था कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को वोट बैंक की तरह मानते हैं। उन्होंने सवाल उठाया था कि गुजरात और राजस्थान की सीमाओं पर घुसपैठ क्यों नहीं होती। इस लिहाज से यादव की टिप्पणी महत्वपूर्ण है।

शाह ने यह टिप्पणी शुक्रवार को दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक नरेंद्र मोहन की स्मृति में ‘घुसपैठ, जनसांख्यिकीय परिवर्तन और लोकतंत्र’ विषय पर एक व्याख्यान देते हुए की।

इस बीच, अखिलेश यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर बयान देंगे।

राम मनोहर लोहिया को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि राम मनोहर लोहिया जीवन भर अन्याय और गैरजिम्मेदारी के खिलाफ लड़ते रहे।

यादव ने कहा, “आज हम उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को जनता तक पहुंचाने, उन्हें जागरूक करने और उनके बताए रास्ते पर चलकर सभी के लिए आर्थिक और सामाजिक सम्मान सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं। जाति एक चिंता का विषय है। डॉ. लोहिया ने भी कहा था कि जाति को तोड़ना चाहिए और जाति को समाप्त करना चाहिए। बाबा साहेब (आंबेडकर) ने जाति के संबंध में कानून भी बनाया, लेकिन आज भी हमें जाति के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है।”

सपा प्रमुख अखिलेश यादव डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने लोहिया पार्क पहुंचे थे।

रायबरेली में एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले पर यादव ने कहा, “अगर हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों पर गौर करें तो साफ पता चलता है कि दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार इसी सरकार में हुए हैं। हाल ही में हमने देखा कि वाल्मीकि समुदाय के एक युवक की हत्या कर दी गई। दलितों और पिछड़े समुदायों के साथ बड़े पैमाने पर अन्याय हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि सरकार के ‘कतई बर्दाश्त न करने’ के दावे का जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं दिख रहा है। पुलिस राजनीतिक विरोधियों पर झूठे मामले दर्ज करने में व्यस्त है।

यादव ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े खुद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाना चाहती है और मुख्यमंत्री सफेद मेज पर बैठकर काला झूठ बोलते हैं। उसी सफेद मेज पर जिस पर वह लोगों से मिलते हैं।”

यादव ने कहा, “सच्चाई यह है कि सबसे ज्यादा उत्पीड़न और ऐसी ही अन्य गंभीर घटनाएं उत्तर प्रदेश में हो रही हैं। भ्रष्टाचार की सारी हदें टूट चुकी हैं। भ्रष्टाचार हर विभाग में है।”

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था ठीक हो सकती, तो हालात बहुत पहले ही सुधर गए होते। सरकार ने अपने राजनीतिक हितों को साधने वाले अधिकारियों को जिम्मेदारी दे दी है।

यादव ने यह भी कहा कि “यह पार्क (लोहिया पार्क) नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के समय बना था। इस सरकार में सिर्फ काम रोकने या उसे बर्बाद करने की कोशिश हो रही है।”

भाजपा द्वारा स्वदेशी के नारे पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा, “भाजपा नेता स्वदेशी की बात तो करते हैं, लेकिन उनका दिल विदेशी हितों में लगा रहता है। अगर वे सचमुच स्वदेशी में विश्वास करते हैं, तो चीन के साथ व्यापार क्यों हो रहा है? किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं, उन्हें खाद नहीं मिल रही है और हर जगह अन्याय हो रहा है। चुनावी चंदे के लिए सरकार व्यापारियों को भारी मुनाफा कमाने की छूट दे रही है।”

हरियाणा में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की आत्महत्या का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि आज भी जाति के आधार पर वोट मांगे जाते हैं। इसी वजह से एक आईपीएस अधिकारी की जान चली गई। उच्चतम न्यायालय में जूता उछाला गया, धार्मिक वक्ताओं को अपमानित किया गया और वाल्मीकि समुदाय के एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

उन्होंने कहा कि सरकार केवल राजनीतिक कार्यों में व्यस्त है और जनता का दर्द नहीं समझती। लेकिन अब जनता जाग रही है। आज, जब हम डॉक्टर राम मनोहर लोहिया को याद करते हैं तो हम उनके दृष्टिकोण को लोगों तक फैलाने और पीडीए के नेतृत्व वाली सरकार बनाने का संकल्प लेते हैं।

भाषा सलीम प्रशांत

प्रशांत