Ghazipur News: गंगा में मिला रहस्यमयी तैरता पत्थर, लोगों ने माना भगवान श्रीराम का चमत्कार, फिर महिलाओं ने शुरू की पूजा-पाठ

Ghazipur News: गंगा में मिला रहस्यमयी तैरता पत्थर, लोगों ने माना भगवान श्रीराम का चमत्कार, फिर महिलाओं ने शुरू की पूजा-पाठ

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  • Publish Date - July 19, 2025 / 11:51 AM IST,
    Updated On - July 19, 2025 / 11:51 AM IST

Ghazipur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • गंगा में तैरता मिला रहस्यमयी पत्थर,
  • भक्तों ने माना श्रीराम का चमत्कार,
  • महिलाओं ने शुरू की पूजा-पाठ,

गाजीपुर: Ghazipur News: जिले के ददरी घाट पर गंगा नदी में इन दिनों एक रहस्यमयी पत्थर ने लोगों की आस्था और जिज्ञासा दोनों को जगा दिया है। शनिवार सुबह गंगा के बढ़ते जलस्तर के बीच एक बड़ा पत्थर बहकर घाट पर आ गया। खास बात यह है कि करीब दो कुंतल वजनी यह पत्थर न तो गंगा में डूब रहा है और न ही कुछ लोगों के मिलकर प्रयास करने पर भी आसानी से उठाया जा पा रहा है।

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Ghazipur News: स्थानीय लोगों के अनुसार यह पत्थर तैरता हुआ गंगा की धारा में आया और घाट के किनारे आकर ठहर गया। जब लोगों ने देखा कि इतना भारी पत्थर पानी में डूब नहीं रहा है, तो यह चर्चा जंगल में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते सैकड़ों की भीड़ ददरी घाट पर उमड़ पड़ी। इस अद्भुत दृश्य को देखकर कई लोग भाव-विभोर हो गए और उन्होंने इस पत्थर को रामसेतु से जोड़ते हुए पूजा-अर्चना शुरू कर दी। कुछ श्रद्धालु घाट पर बैठकर रामायण पाठ और भजन-कीर्तन भी करने लगे।

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Ghazipur News: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने जब लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पार करने का निर्णय लिया, तब वानर सेना ने रामसेतु का निर्माण किया था। मान्यता है कि उस पुल के निर्माण में जिन पत्थरों का प्रयोग किया गया था वे पानी में डूबते नहीं थे बल्कि तैरते थे। गाजीपुर में मिला यह तैरता हुआ पत्थर लोगों को उसी रामसेतु के चमत्कार की याद दिला रहा है। हालांकि अभी तक इस पत्थर की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई है लेकिन भौतिकी के विशेषज्ञों के अनुसार कुछ विशेष किस्म के पत्थर जैसे प्यूमिस पत्थर बहुत हल्के होते हैं और उनकी बनावट में इतने छिद्र होते हैं कि वे पानी में तैर सकते हैं।

"गाजीपुर में तैरता हुआ पत्थर" सच में पानी में क्यों नहीं डूबता है?

गाजीपुर में जो "तैरता हुआ पत्थर" मिला है, वह संभवतः प्यूमिस (Pumice) नामक ज्वालामुखीय पत्थर हो सकता है। यह पत्थर बेहद हल्का होता है और उसकी बनावट में सूक्ष्म छिद्र (air cavities) होते हैं जो उसे तैरने में मदद करते हैं।

क्या "गाजीपुर का तैरता पत्थर" रामसेतु से जुड़ा हो सकता है?

धार्मिक मान्यता के अनुसार रामसेतु के पत्थर पानी में नहीं डूबते थे, इसलिए कई लोग इसे आस्था से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि अभी तक वैज्ञानिक रूप से यह पुष्टि नहीं हुई है कि यह पत्थर रामसेतु से जुड़ा है।

क्या "गाजीपुर तैरते पत्थर" की कोई वैज्ञानिक जांच हुई है?

नहीं, अभी तक इस पत्थर की कोई आधिकारिक वैज्ञानिक जांच या परीक्षण नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह एक प्राकृतिक हल्का ज्वालामुखीय पत्थर हो सकता है।

"गाजीपुर तैरता हुआ पत्थर" कहां पाया गया है?

यह रहस्यमयी पत्थर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के ददरी घाट पर गंगा नदी में पाया गया है, जो बढ़ते जलस्तर के बीच बहकर किनारे पर आ गया।

क्या "गाजीपुर तैरता पत्थर" को आम लोग देख सकते हैं?

हां, फिलहाल स्थानीय लोग बड़ी संख्या में घाट पर पहुंच कर इसे देख रहे हैं और पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं। प्रशासन ने फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है।