Lawyers Left Court For Namaz: मुस्लिम वकीलों ने नमाज पढ़ने के लिए छोड़ दी अदालत की कार्यवाही, कोर्ट ने लगाई फटकार

Lawyers Left Court For Namaz: अदालत ने शुक्रवार को नमाज़ पढ़ने के लिए कुछ मुस्लिम अधिवक्ताओं के अदालती कार्यवाही छोड़ने के

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  • Publish Date - January 19, 2024 / 11:55 PM IST,
    Updated On - January 20, 2024 / 12:06 AM IST

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लखनऊ : Lawyers Left Court For Namaz: लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को नमाज़ पढ़ने के लिए कुछ मुस्लिम अधिवक्ताओं के अदालती कार्यवाही छोड़ने के आचरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने कहा कि इन अधिवक्ताओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि काम ही पूजा है और उन्हें अपने न्यायिक कर्तव्यों का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही, अदालत ने अवैध धर्म परिवर्तन मामले के आरोपी व्यक्तियों को ‘एमिकस-क्यूरी’ (न्याय मित्र) प्रदान करने का आदेश दिया ताकि यदि मुस्लिम वकील नमाज पढ़ने के लिए अदालती कार्यवाही से चले जाएं, तो न्याय मित्र सुनवाई जारी रख सकें और न्यायिक कार्यवाही में व्यवधान न हो।

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अदालत ने खारिज की वकीलों की याचिका

Lawyers Left Court For Namaz:  विशेष न्यायाधीश, एनआईए/एटीएस (राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी /आतंकवाद निरोधक दस्‍ता) विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने अवैध धर्म परिवर्तन मामले के संबंध में आरोपी मौलाना कलीमुद्दीन और अन्य के खिलाफ आपराधिक मुकदमे की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को उपरोक्त आदेश पारित किया। अदालत ने एक आरोपी की ओर से कुछ दस्तावेजों की मांग करने वाले कुछ वकीलों की याचिका को भी खारिज कर दिया।

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Lawyers Left Court For Namaz:  मुकदमे की कार्यवाही के दौरान, जब वक्त गवाहों से जिरह के लिए तय था तो दोपहर करीब 12:30 बजे वकील मोहम्मद आमिर नदवी और वकील जिया-उल-जिलानी ने अदालत को बताया कि आज शुक्रवार है और इसलिए, वे आरोपियों से जिरह जारी नहीं रख पाएंगे। अदालत ने उनसे कहा कि ऐसे मकसद के लिए उन्हें अदालत से जाने की इजाजत देना उचित नहीं होगा। हालांकि, बाद में अदालत ने वकीलों को चेतावनी देते हुए मुकदमे की कार्यवाही स्थगित कर दी। अदालत ने अपने अधिकारी को आरोपियों के लिए न्याय मित्र नियुक्त करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि अगर मुस्लिम वकील नमाज पढ़ने के लिए अदालत कक्ष से बाहर जाते रहे तो सुनवाई पूरी नहीं होगी।

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