IPS Aarti Singh | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: IPS Aarti Singh उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक (SP) आरती सिंह सुर्खियों में हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया है। अदालत ने आदेश एक हैबियस कॉर्पस याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।
IPS Aarti Singh आईपीएस आरती सिंह पर दो लोगों को अवैध रूप से हिरातसत में रखने के गंभीर आरोप हैं। जानकारी के अनुसार, उन्होंने दो लोगों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा, धमकी दी और बाद में जबरन बयान लिखवा लिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा।
मिली जानकारी के अनुसार, मामला फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज थाना इलाके का है। दरअसल, 8 सितंबर की रात पुलिस जबरन प्रीति नाम की एक महिला के घर घुस गई और दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया। लगभग एक हफ्ते तक दोनों को हिरासत में रखा। जिसके बाद 14 सितंबर को पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया। आरोप है कि पुलिस ने दबाव में महिला से एक बयान लिखवा लिया कि वह पुलिस के खिलाफ शिकायत नहीं करेंगी। उन्हें कोई शिकायत नहीं है और न ही वे किसी तरह की शिकायत करेंगे।
जिसके बाद प्रीति यादव समेत दो और लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और 14 अक्टूबर को अधिकारी के हलफनामे के साथ ही याची प्रीति यादव को तलब किया।
लेकिन मामला और बढ़ गया। करीब 100 पुलिसकर्मी फर्रुखाबाद के रहने वाले वकील अवधेश मिश्र के घर पहुंच गए। पुलिस को शक था कि वकील अवधेश मिश्र ने ही प्रीति को याचिका दाखिल करने में मदद की। पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की। सामान फेंक दिया। घर का CCTV भी तोड़ दिया।
इस संबंध में वकील ने कोर्ट में अर्जी दायर की। जिस पर पुलिस ने सुनवाई के बाद कोर्ट के बाहर से वकील अवधेश मिश्र को हिरासत में ले लिया। इस पूरे मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक आरती सिंह की कार्यप्रणाली को न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला करार दिया।
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