अनधिकृत निर्माण: अदालत ने उप्र सरकार के हलफनामे को असंतोषजनक पाया, दोबारा दाखिल करने को कहा

अनधिकृत निर्माण: अदालत ने उप्र सरकार के हलफनामे को असंतोषजनक पाया, दोबारा दाखिल करने को कहा

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  • Publish Date - February 11, 2025 / 12:53 AM IST,
    Updated On - February 11, 2025 / 12:53 AM IST

लखनऊ, 10 फरवरी (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के उस हलफनामे पर गंभीर असंतोष व्यक्त किया, जिसमें राज्य के शहरी क्षेत्रों में अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के तरीके के बारे में बताया गया है।

उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव का व्यक्तिगत हलफनामा राज्य के वकील को लौटाते हुए उनसे 12 फरवरी को बेहतर हलफनामा पेश करने को कहा है।

न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने 2012 में लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार द्वारा दायर एक लंबित जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।

पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी कि राज्य और लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने उन निर्माणों के खिलाफ आगे कोई कार्रवाई नहीं की, जिन्हें लगभग 12 साल पहले अवैध घोषित किया गया था और उन्हें ध्वस्त करने के आदेश भी पारित किए गए थे।

पीठ ने अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा था। पिछले आदेश के अनुपालन में प्रमुख सचिव का व्यक्तिगत हलफनामा सोमवार को दाखिल किया गया लेकिन पीठ ने इसे रिकॉर्ड पर लेने से इनकार कर दिया।

भाषा सं आनन्द सिम्मी

सिम्मी