उप्र: हर स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान चित्र लगाकर डॉ. कस्तूरीरंगन के बारे में बताने का निर्देश

उप्र: हर स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान चित्र लगाकर डॉ. कस्तूरीरंगन के बारे में बताने का निर्देश

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  • Publish Date - April 29, 2025 / 03:55 PM IST,
    Updated On - April 29, 2025 / 03:55 PM IST

लखनऊ, 29 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के हर विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान शिक्षकों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के प्रमुख शिल्पकार डॉ. के. कस्तूरीरंगन के बारे में बताने और उनका चित्र लगाने का निर्देश दिया है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गयी।

डॉ. कस्तूरीरंगन ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर स्थापित किया, साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने का कार्य भी उनकी उपलब्धियों में से एक है।

बयान के अनुसार, डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन के बाद योगी सरकार ने 28 अप्रैल से प्रदेश के सभी परिषदीय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में डॉ. कस्तूरीरंगन के जीवन, वैज्ञानिक उपलब्धियों और शिक्षा सुधार में योगदान की जानकारी प्रार्थना सभा में देने सम्बन्धी निर्देश जारी किया है।

निर्देश के मुताबिक, डॉ. कस्तूरीरंगन का चित्र विद्यालयों में प्रदर्शित किया जाएगा और विद्यार्थियों को उनके जीवन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

बयान में बताया गया कि डॉ. कस्तूरीरंगन का जीवन बताता है कि साधारण पृष्ठभूमि से भी असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है।

उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के हवाले से बयान में बताया गया कि महान वैज्ञानिक और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख शिल्पकार डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी के निधन से देश ने एक अद्वितीय शिक्षा चिंतक और राष्ट्र निर्माता को खोया है।

सिंह ने कहा, “उनका (डॉ. कस्तूरीरंगन का) जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। योगी सरकार संकल्पित है कि परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को उनके आदर्शों से परिचित कराते हुए उनमें वैज्ञानिक सोच, नवाचार और राष्ट्र सेवा की भावना विकसित की जाएगी।”

उन्होंने कहा, “यह हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि हम उनके सपनों का भारत गढ़ने में अपनी पूरी शक्ति लगाएं। हमारा प्रयास रहेगा कि उत्तर प्रदेश का हर विद्यालय अब वैज्ञानिकों की प्रयोगशाला बने और हर बच्चा डॉ. कस्तूरीरंगन बनने का सपना देखे।”

भाषा आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र