Uttarakhand Latest News || Image- IBC24 News File
Uttarakhand Latest News: देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को एससीईआरटी ऑडिटोरियम, ननूरखेड़ा में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह के दौरान हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में शीर्ष 10 में स्थान प्राप्त करने वाले 75 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट परिणाम देने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ-साथ शीर्ष 50 संस्थानों के प्रमुखों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए, धामी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे, जिनका मानना था कि शिक्षा केवल किताबों तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसमें देशभक्ति, नैतिक मूल्य, सामाजिक समरसता और व्यावहारिकता भी होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसी दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 प्रस्तुत की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को और अधिक आधुनिक, व्यावहारिक और गुणवत्ता-संचालित बनाना है। इसी के अनुरूप, राज्य सरकार शिक्षा में नवाचारों, डिजिटल लर्निंग और मूल्य-आधारित शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
Uttarakhand Latest News: इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भर के शैक्षणिक संस्थानों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफॉर्म विकसित किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, “हमारी विरासत” पुस्तक के माध्यम से कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को भारत की समृद्ध संस्कृति, लोक परंपराओं और राज्य व देश की विख्यात हस्तियों से परिचित कराया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि 226 विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जबकि सभी 13 जिलों के 1,300 विद्यालयों में पहले से ही वर्चुअल क्लासरूम संचालित हो रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुँचाने के लिए पाँच पीएम ई-विद्या चैनल भी चलाए जा रहे हैं। सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें प्रदान की जा रही हैं, जबकि मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत मेधावी विद्यार्थियों को मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, कक्षा 10 और 12 के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उनके समग्र व्यक्तित्व विकास में सहायता के लिए भारत दर्शन भ्रमण पर भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीएससी, एनडीए, सीडीएस और इसी तरह की सेवाओं की लिखित परीक्षाओं को पास करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
परीक्षा सुधारों पर प्रकाश डालते हुए, धामी ने कहा कि उत्तराखंड ने कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है। पिछले चार वर्षों में 25,000 से ज़्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं, जबकि राज्य गठन के पहले 21 वर्षों में केवल 16,000 नियुक्तियाँ हुई थीं। इस कानून के लागू होने के बाद से 100 से ज़्यादा नकल गिरोहों को जेल भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि पारदर्शी भर्तियों ने जहाँ आम परिवारों के लिए नए द्वार खोले हैं, वहीं कुछ निहित स्वार्थी तत्व पेपर लीक के ज़रिए युवाओं का भविष्य अंधकार में धकेलने की साजिश रच रहे हैं। हाल ही में हुई परीक्षा के पेपर लीक की कोशिश का ज़िक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हाल ही में हुई परीक्षा अनियमितताओं की जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया गया है और उसके निष्कर्षों के आधार पर निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने हर नकल माफिया को गिरफ्तार करके दंडित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। धामी ने याद दिलाया कि शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने का संकल्प लिया था और तब से अब तक रिकॉर्ड भर्तियाँ हुई हैं। उन्होंने सीबीआई जाँच की माँग करके भर्ती प्रक्रिया को रोकने के प्रयासों की भी आलोचना की और ज़ोर देकर कहा कि सरकार का उद्देश्य नियुक्तियों में पारदर्शिता और समयबद्धता है ताकि किसी भी युवा के साथ अन्याय न हो।
अल्पसंख्यक शिक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया है। 1 जुलाई, 2026 से केवल उन्हीं मदरसों को संचालित करने की अनुमति होगी जो राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम अपनाएँगे। बिना उचित शैक्षणिक योग्यता वाले धार्मिक प्रशिक्षक, जो केवल धार्मिक शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करके बच्चों को गुमराह कर रहे थे, अब इस कानून के तहत प्रतिबंधित किए जाएँगे।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाले छात्रों की संख्या में 18% की वृद्धि हुई है। सुधार परीक्षाओं की शुरुआत से छात्रों में परीक्षा संबंधी तनाव भी काफी कम हुआ है।
देहरादून में आयोजित पं. दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में बोर्ड परीक्षाओं में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 75 मेधावी छात्रों के साथ ही उत्कृष्ट और श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 53 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया। pic.twitter.com/1q9PaF9e9h
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 25, 2025