270 लोगों की मौत.. बम धमाकों तथा भारी गोलाबारी ने दहला ये शहर, घर छोड़कर भागने को मजबूर हुए लोग

270 लोगों की मौत.. बम धमाकों तथा भारी गोलाबारी ने दहला ये शहर, 270 people died in bomb blasts and heavy shelling

270 लोगों की मौत.. बम धमाकों तथा भारी गोलाबारी ने दहला ये शहर, घर छोड़कर भागने को मजबूर हुए लोग
Modified Date: April 19, 2023 / 04:31 pm IST
Published Date: April 19, 2023 3:55 pm IST

खार्तूम : सूडान की राजधानी को बुधवार को बम धमाकों तथा भारी गोलाबारी ने दहला दिया। सूडान में प्रतिद्वंद्वी जनरलों के प्रति वफादार बलों के बीच लगातार पांचवें दिन लड़ाई जारी है। सूडानी सेना और एक प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल मंगलवार शाम से 24 घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए थे, हालांकि इसका पालन होता नजर नहीं आया। वहीं संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी के अनुसार देश में सप्ताहांत में शुरू हुई हिंसा के बाद से अभी तक कम से कम 270 लोगों की जान जा चुकी है।चश्मदीदों ने बताया कि हिंसा के कारण अपने घरों में कई दिन से कैद सूडान के लोग राहत के कोई संकेत नहीं मिलने के कारण हताशा में अब अपने घरों को छोड़कर भागने लगे हैं।

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खार्तूम के कई इलाकों के निवासियों ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि उन्होंने महिलाओं तथा बच्चों सहित कई लोगों को सामान ले जाते हुए देखा, कुछ पैदल जा रहे थे तो कुछ वाहनों पर। ‘डॉक्टर्स सिंडिकेट’ की सचिव अतिया अब्दुल्ला अतिया ने कहा, ‘‘खार्तूम एक डरावना शहर बन गया है।’’ संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, देश में सप्ताहांत में शुरू हुई हिंसा के बाद से अभी तक कम से कम 270 लोगों की जान जा चुकी है। लगातार गोलाबारी, तोप से हमलों और हवाई हमले ने सूडान की राजधानी खार्तूम और निकटवर्ती ओमडर्मन शहर को हिलाकर रख दिया है। स्थानीय लोगों ने सैन्य मुख्यालयों तथा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास झड़पों की जानकारी दी। मानवाधिकारों की वकालत करने वाले तहानी अब्बास ने कहा, ‘‘ रात में छिटपुट गोलाबारी के बाद सुबह संघर्ष बढ़ गया।’’ तहानी सैन्य मुख्यालय के नजदीक रहती हैं।

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अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सूडान के सशस्त्र बल के प्रमुख जनरल अब्देल फत्ताह बुरहान, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान से फोन पर बात की थी। दोनों प्रतिद्वंद्वी मंगलवार शाम से 24 घंटे के संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए थे, हालांकि इसका पालन होता नजर नहीं आया। देश की सेना और उसके पूर्व साझेदार एवं अब प्रतिद्वंद्वी ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स समूह’ (आरएसएफ) के बीच महीनों के तनाव ने ही संघर्ष का रूप ले लिया है।

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अब्दुल फतह अल बुरहान के नेतृत्व वाली सेना ने एक बयान में आरएसएफ के साथ बातचीत से इनकार करते हुए इसे भंग करने की बात कही है और इसे ‘‘बागी मिलिशिया’’ करार दिया है। वहीं, अर्द्धसैनिक समूह ‘आरएसएफ’ ने सशस्त्र बलों के प्रमुख को ‘‘अपराधी’’’ बताया। सूडान की सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था और तब से वह एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश चला रही है। सूडान पर नियंत्रण को लेकर देश की सेना तथा शक्तिशाली अर्द्धसैनिक बल के बीच लगातार खींचतान जारी है।

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।