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Morocco Violence: मोरक्को में इन दिनों हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। युवाओं की अगुवाई में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों ने अब उग्र रूप ले लिया है। स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सुधार की मांग को लेकर शुरू हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन अब हिंसा में बदल चुका है। सरकारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में अब तक करीब 300 लोग घायल हो चुके हैं, वहीं पुलिस फायरिंग में 2 युवाओं की मौत की पुष्टि भी की गई है।
बीते हफ्ते सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते एक हैशटैग ने देशभर के युवाओं को सड़कों पर ला दिया। ये हैशटैग था: #EducationHealthRights, यानी शिक्षा और स्वास्थ्य के मूलभूत अधिकार। युवाओं का कहना है कि सरकार लगातार इन दो अहम सेक्टर्स की अनदेखी कर रही है। स्कूलों की हालत खस्ता है, हॉस्पिटल्स में न डॉक्टर मिलते हैं और न दवाइयां। बेरोज़गारी की समस्या और मंहगाई ने आग में घी डालने का काम किया। हालात तब बिगड़े जब राजधानी रबात समेत कई शहरों में हजारों युवाओं ने मार्च निकाला और कई जगहों पर स्थानीय थानों को घेरने की कोशिश की।
इस मामले की शुरुआत सितंबर के मध्य में हुई एक घटना है जिसमें अगादिर शहर के एक सरकारी अस्पताल में 8 गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई। वजह थी अस्पताल में जरूरत से ज्यादा भीड़, डॉक्टरों की भारी कमी और ज़रूरी मेडिकल उपकरणों का न होना। इस दर्दनाक घटना ने मोरक्को की स्वास्थ्य व्यवस्था की सारी पोल खोलकर रख दी।
युवाओं की नाराज़गी और भी बढ़ गई जब सरकार के “फुटबॉल प्रेम” और खर्चों की खबरें सामने आईं। सरकार ने घोषणा की है कि वो 2025 Africa Cup और 2030 FIFA World Cup के लिए 5 अरब डॉलर से ज्यादा स्टेडियम, सड़कें और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी। वहीं दूसरी तरफ, ग्रामीण अस्पतालों में इलाज के नाम पर कुछ भी ढंग का नहीं मिल रहा, स्कूलों की हालत खस्ता है और बेरोज़गारी आसमान छू रही है।
Morocco Violence: रिपोर्ट्स के अनुसार, 27 सितंबर को शुरू हुआ आंदोलन शुरुआत में पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन 1 अक्टूबर के बाद हालात तेजी से बिगड़ने लगे। कई शहरों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं, जिससे तनाव गहराता चला गया। एक थाने पर प्रदर्शनकारियों ने ‘धावा’ बोलने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस ने बल प्रयोग किया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को आंसू गैस और रबर की गोलियों का सहारा लेना पड़ा, लेकिन स्थिति नहीं संभली। इसके बाद पुलिस ने सीधी गोलीबारी की, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई। घटना के बाद गुस्से में आए प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर सरकारी वाहनों में आग लगा दी और रोड ब्लॉक कर दिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, प्रदर्शन में घायल हुए लोगों की संख्या 300 के पार जा चुकी है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, पुलिस ने अब तक 400 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा नेता शामिल हैं।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, “शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना सबका अधिकार है, लेकिन कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।” सरकार ने हिंसा की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है और ये भी कहा है कि स्वास्थ्य और शिक्षा सुधारों पर जल्द चर्चा की जाएगी।
मोरक्को में जारी ये प्रदर्शन सिर्फ कुछ मांगों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये उस बढ़ते गुस्से का संकेत हैं जो वहां की युवा पीढ़ी में उभर रहा है। सरकार को जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे वरना हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
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