वाशिंगटन, नौ अगस्त (एपी) आर्मेनिया और अज़रबैजान के नेताओं ने दशकों से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान ने शुक्रवार को एक दूसरे से हाथ मिलाया और इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीच में थे। जैसे ही दोनों ने हाथ मिलाया तो बीच में बैठे ट्रंप ने उनके हाथ थाम लिए।
दक्षिण काकेशस के दोनों देशों ने एक-दूसरे और अमेरिका के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिससे प्रमुख परिवहन मार्ग पुनः खुल जाएंगे, साथ ही अमेरिका को इस क्षेत्र में रूस के घटते प्रभाव का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा।
व्हाइट हाउस ने कहा कि इस समझौते में एक प्रमुख पारगमन गलियारा बनाने का समझौता शामिल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय शांति और समृद्धि के लिए ‘ट्रंप रूट’ नाम दिया जाएगा।
इसके बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि यह ‘मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है’, लेकिन ‘मैंने इसके लिए नहीं कहा था।’
ट्रंप कोशिश में हैं कि उन्हें शांतिदूत के रूप में पहचाना जाए और उन्होंने इस बात को भी नहीं छिपाया है कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत है।
आर्मेनिया और अज़रबैजान के नेताओं ने कहा कि यह सफलता ट्रंप और उनकी टीम के कारण संभव हुई।
पाशिनयान ने समझौते को एक ‘महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ बताते हुए कहा, ‘हम अतीत की तुलना में एक बेहतर कहानी लिखने के लिए आधारशिला रख रहे हैं।’
अलीयेव ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने छह महीने में चमत्कार कर दिखाया।’’
आर्मेनिया-अज़रबैजान लगभग चार दशकों तक संघर्ष में उलझे रहे। वे करबाख क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए लड़ रहे थे, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नागोर्नो-करबाख के नाम से जाना जाता है। ये दोनों देश पूर्व में सोवियत संघ में शामिल थे।
एपी नोमान रंजन
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