बांग्लादेश की पूर्व ‘ब्यूटी क्वीन’ पर सऊदी अरब के राजनयिक को ब्लैकमेल करने का आरोप

बांग्लादेश की पूर्व ‘ब्यूटी क्वीन’ पर सऊदी अरब के राजनयिक को ब्लैकमेल करने का आरोप

  •  
  • Publish Date - April 18, 2025 / 02:14 PM IST,
    Updated On - April 18, 2025 / 02:14 PM IST

ढाका, 18 अप्रैल (भाषा) बांग्लादेश पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि ढाका में सऊदी अरब के पूर्व राजदूत को मोहपाश में फंसा कर 50 लाख अमेरिकी डॉलर ठगने की कोशिश के आरोप में एक पूर्व ब्यूटी क्वीन को हिरासत में लिया गया है।

वहीं पूर्व ब्यूटी क्वीन ने आरोप को खारिज करते हुए दावा किया कि राजनयिक उससे शादी करना चाहता था।

पुलिस ने ढाका की एक अदालत में दायर याचिका में कहा, ‘‘मेघना आलम, उनके करीबी सहयोगी दीवान समीर और दो-तीन अन्य लोग विदेशी राजदूतों को खूबसूरत लड़कियों के साथ प्रेम जाल में फंसाने में संलिप्त थे।’’

पुलिस ने हालांकि सऊदी राजनयिक या किसी अन्य दूत का नाम नहीं बताया लेकिन कहा कि उसे (महिला) ‘‘देश की सुरक्षा में बाधा डालने और देश के वित्तीय हितों को नुकसान पहुंचाने’’ के आरोप में हिरासत में लिया गया है।

मॉडल एवं ‘मिस अर्थ’ रह चुकीं आलम (30) एक धर्मार्थ संस्था भी संचालित करती हैं और शुरुआत में उन्हें विवादास्पद विशेष शक्तियां अधिनियम के तहत बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया था। यह अधिनियम पुलिस को किसी संदिग्ध को कई महीनों तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।

हालांकि, उनकी गिरफ़्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी हलचल रही और मानवाधिकार निगरानीकर्ताओं ने भी चिंता जताई।

देश की अंतरिम सरकार के विधि सलाहकार आसिफ नज़रुल ने कहा कि नौ अप्रैल को जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया तो उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

वहीं मानवधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने पिछले हफ़्ते एक बयान में कहा, ‘‘ हम अधिकारियों से या तो मेघना पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाले अपराध का आरोप लगाने या उन्हें रिहा करने का आग्रह करते हैं।’’

पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद तालेबुर रहमान ने बताया कि अदालत ने याचिका मंजूर करते हुए उसे जेल भेजने का आदेश दिया है। उस पर ब्लैकमेल के ज़रिए जबरन वसूली के प्रयास का प्राथमिक आरोप लगाया गया है।

बंगाली भाषा के समाचार पत्र ‘प्रथम आलो’ और अन्य मीडिया संस्थानों ने अपनी खबर में कहा कि आलम ने अदालत को बताया कि राजनयिक ने उससे संपर्क किया था और विवाह का प्रस्ताव दिया था।

सरकारी वकील उमर फारुक फारुकी ने संवाददाताओं को बताया कि आलम ने अदालत में दावा किया कि सऊदी राजनयिक ने उसे विवाह बंधन में बांधने का प्रस्ताव दिया था और बार-बार उसे फोन किया तथा संदेश भेजे, जबकि उसने कभी पहल नहीं की।

आलम बृहस्पतिवार को अदालत की सुनवाई के दौरान बिना किसी वकील के उपस्थित हुई और उसने स्वयं अपनी दलीलें रखीं और अपनी गिरफ्तारी को रद्द करने का आग्रह किया।

वहीं आलम के पिता बदरूल आलम ने पहले संवाददाताओं को बताया था कि राजदूत उनकी बेटी से शादी करना चाहता था, लेकिन उसने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया क्योंकि राजदूत विवाहित है और उसकी पत्नी और बच्चे हैं।

ढाका स्थित सऊदी दूतावास ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन मीडिया की खबरों से पता चला कि यह मामला सार्वजनिक होने के बाद राजदूत बांग्लादेश छोड़कर चले गए हैं।

सऊदी अरब में करीब 20 लाख बांग्लादेशी काम करते हैं और ये दक्षिण एशियाई राष्ट्र के लिए विदेशी मुद्रा का एक प्रमुख स्रोत है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस राजनयिक संबंधों को ख़तरे में नहीं डालना चाहते ।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा