मक्का, 25 जून (एपी) हज के लिए दुनिया भर से सऊदी अरब पहुंचे ज़ायरीन ने मीना रवाना होने से पहले मक्का स्थित मस्जिद हल हराम (खाना-ए-खाका) में इबाबत की। हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है।
ज़ायरीन ने शनिवार को इस्लाम के सबसे मुकद्दस (पवित्र) स्थल खाना-ए-काबा का ‘तवाफ’ (परिक्रमा) किया। काबा के पास भूतल पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी की वजह से अन्य को ऊपरी मंजिलों पर जाना पड़ा और उन्हें ‘तवाफ’ के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ी।
ज़ायरीन ने ‘तवाफ’ के दौरान दुआएं मांगने के लिए अपने हाथ उठाए और अपने फोन से सेल्फी तथा वीडियो भी बनाए। इसके बाद उन्होंने हाजरा की तरह दो पहाड़ियों के बीच चक्कर लगाए। हाजरा ने अपने बेटे (पैगंबर) इस्माइल के लिए पानी की तलाश में इन दो पहाड़ियों के बीच कई चक्कर लगाए थे। इस कहानी का मुस्लिम, ईसाई और यहूदी परंपराओं में अलग-अलग तरीके से उल्लेख किया गया है।
हज के लिए ज़ायरीन को ‘एहराम’ (सफेद रंग का बिना सिला पकड़ा) पहनना होता है। महिलाओं को अपना शरीर और बालों को ढकना होता है।
सऊदी अरब ने इस साल पूर्ण क्षमता के साथ हज यात्रा बहाल कर दी है और 20 लाख लोगों के इस बार हज करने की उम्मीद है। पिछले तीन सालों से महामारी के कारण हज यात्रियों की संख्या को काफी सीमित कर दिया गया था।
बांग्लादेश के 42 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर महबूब मुर्शद ने कहा, “ मेरे ख्याल से इस बार भीड़ बहुत ज्यादा है। मगर सरकार इसका अच्छे से प्रबंध करने की कोशिश कर रही है।” उनका इशारा गत वर्षों में हज ज़ायरीन की कम संख्या को लेकर था।
एपी नोमान अमित
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