कुंवारी लड़की ने कहा- ‘मेरे अंडाणु को स्टोर कर लो, बच्चा नहीं चाहिए’, अस्पताल ने कहा- ‘पहले शादी का सर्टिफिकेट तो दिखाओ’

Amazing news : चीन की एक अदालत ने बीजिंग की उस अविवाहित महिला के अनुरोध को ठुकरा दिया है जो अपने अंडाणुओं को सुरक्षित रखवाना चाहती थी।

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  • Publish Date - July 23, 2022 / 03:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

ताइपे। Amazing news : चीन की एक अदालत ने बीजिंग की उस अविवाहित महिला के अनुरोध को ठुकरा दिया है जो अपने अंडाणुओं को सुरक्षित रखवाना चाहती थी। चीन के इस बहुचर्चित मामले में बीजिंग में चाओयांग इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि अस्पताल ने महिला के अंडाणुओं को सुरक्षित रखने से इनकार करके उसके अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया। टेरेसा शु ने तीन साल पहले यह मुकदमा दायर किया था, जिस पर शुक्रवार को अदालत का फैसला आया।

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चीन में कानून अविवाहित लोगों को प्रजनन संबंधी उपचार देने जैसी सेवाओं से प्रत्यक्ष रूप से नहीं रोकते हैं। हालांकि, अस्पताल और अन्य संस्थान ऐसे लोगों को शादी का प्रमाणपत्र दिखाने के लिए कहते हें। यह चर्चित मामला 2018 का है जब 30 वर्षीय शु कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी में बीजिंग के सरकारी अस्पताल में गयी थी और वहां अपने अंडाणुओं को सुरक्षित रखने के लिए कहा था। शुरुआती जांच के बाद उसे बताया गया कि उसके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह शादी का प्रमाणपत्र नहीं दिखा सकी। उसने कहा कि चिकित्सकों ने उससे बच्चा करने का अनुरोध किया था जबकि वह युवा थी। हालांकि, अविवाहित शु अपने अंडाणुओं को सुरक्षित रखवाना चाहती थी ताकि उसके पास बाद में कभी बच्चा करने का विकल्प हो। शु ने अपने वीचैट अकाउंट पर इस खबर की घोषणा करते हुए एक संक्षिप्त वीडियो बयान में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मुकदमे में हार अविवाहित महिलाओं के प्रजनन के अधिकारों पर हमला नहीं है, हो सकता है कि अस्थायी झटका हो।’’

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बत दें कि शु के मामले ने चीन में घरेलू मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थी जब उसने 2019 में अदालत में मुकदमा दायर किया था। स्थानीय मीडिया ने कहा था कि यह देश में अपनी तरह का पहला मामला है। अदालत के फैसले के अनुसार, अस्पताल ने दलील दी कि अंडाणुओं को सुरक्षित कराने से स्वास्थ्य को कुछ खतरे हैं। साथ ही उसने कहा कि गर्भावस्था में देर करने से कुछ ‘‘समस्याएं’’ होंगी जैसे कि गर्भावस्था के कारण मां को खतरा तथा अगर माता-पिता एवं उनके बच्चे के बीच आयु में अधिक अंतर होगा तो इससे ‘‘मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्याएं’’ खड़ी होंगी। अस्पताल ने यह भी कहा कि अंडाणु सुरक्षित कराने की सेवा केवल उन महिलाओं के लिए उपलब्ध है जो प्राकृतिक तरीके से गर्भवती नहीं हो सकती और स्वस्थ नहीं हैं। वहीं, शु ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ अपील करेंगी। उसने कहा, ‘‘ऐसा दिन जरूर आएगा जब हमें अपने शरीर पर अधिकार वापस मिल जाएगा।’’

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