चीन ने कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत को लेकर अपुष्ट ‘थ्योरी’ को बढ़ावा देना शुरू किया

चीन ने कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत को लेकर अपुष्ट ‘थ्योरी’ को बढ़ावा देना शुरू किया

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  • Publish Date - January 25, 2021 / 11:20 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

ताइपे, 25 जनवरी (एपी) चीन की सरकारी मीडिया ने कोविड-19 से बचाव के लिए फाइजर के टीके और बुजुर्गों पर इसके असर को लेकर सवाल उठाए हैं। वहीं, सरकार के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि कोरोना वायरस की शुरुआत अमेरिका की एक सैन्य प्रयोगशाला से हुई।

चीन के टीके और महामारी से निपटने के लिए शुरुआती रणनीति को लेकर आलोचना झेल रही सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी कुछ विशेषज्ञों की उस ‘थ्योरी’ का समर्थन कर रही है कि फाइजर के टीके बुजुर्गों के लिए नुकसानदेह है।

सरकारी मीडिया और अधिकारी पश्चिम के टीके और कोरोना वायरस के शुरुआती स्थल को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर टीकाकरण की शुरुआत और कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम के वुहान पहुंचने के बाद फिर से दोनों मुद्दे उठाए गए हैं।

चीन के विज्ञान जगत में फर्जी डिग्रियों और अन्य फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने वाले फेंग शिमिन ने कहा, ‘‘अमेरिका पर दोष मढ़ने का मकसद महामारी से निपटने में चीन की सरकार के शुरुआती कुप्रबंधन से ध्यान हटाना है।’’

अमेरिका में रह रहे फेंग ने कहा, ‘‘चीन में व्यापक स्तर पर अमेरिका विरोधी भावना के कारण इस हथकंडे में सफलता भी मिल रही है।’’

ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स में चीनी मीडिया की विशेषज्ञ युआन जेंग ने कहा कि चीन की सरकार ने इस तरह की थ्योरी को इस तरह बढ़ावा दिया है कि कई पढे लिखे लोग भी उनसे पूछते हैं क्या यह सत्य है।

दिसंबर में चीनी रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक गाओ फू ने कहा था कि वह ‘एमआरएनए’ आधारित टीकों के दुष्प्रभाव से इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा था कि पहली बार स्वस्थ लोगों को इस तरह के टीके दिए जा रहे हैं। इसलिए, सुरक्षा चिंताओं से इनकार नहीं किया जा सकता।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पिछले सप्ताह कहा था कि डब्ल्यूएचओ की टीम को अमेरिका की सैन्य प्रयोगशाला की जांच करनी चाहिए। उनके बयान को सरकारी मीडिया ने बार-बार प्रकाशित किया जिसके कारण सोशल मीडिया पर भी यह विषय खूब छाया रहा।

एपी आशीष नेत्रपाल उमा

उमा