नई दिल्ली: HIV Virus treatment अब तक लाइलाज मानी जाने वाली गंभीर बीमारी एड्स का आखिरकार ईलाज मिल गया है। दरअसल अमेरिका के डॉक्टरों ने एड्स पीड़ित महिला को खतरनाक वायरस से मुक्ति दिलाने में सफलता हासिल की है। डॉक्टरों की मानें तो स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए महिला के इलाज की पूरी प्रक्रिया की गई।
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HIV Virus treatment स्टेम सेल एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दान किए गए थे, जिनके पास HIV वायरस के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरक्षा थी। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के डॉ. इवोन ब्रायसन और बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के डॉ. डेबरा पर्सॉड के नेतृत्व में चल रहे एक विशेष अध्ययन ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कितनी उपचार प्रक्रियाएं की गईं। उपचार के दौरान डॉक्टरों ने एक HIV संक्रमित महिला के ल्यूकेमिया के इलाज के लिए गर्भनाल रक्त का इस्तेमाल किया। फिलहाल महिला 14 महीने से स्वस्थ है और उसे किसी दवा की जरूरत नहीं है।
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गौरतलब है कि इस मामले से पहले ऐसे दो केस सामने आए हैं जब HIV के मरीज ठीक हुए। ज्ञात जानकारी के अनुसार एक श्वेत पुरुष का था, जबकि दूसरा दक्षिण अमेरिकी मूल का पुरुष था। उन दोनों का स्टेम सेल ट्रांसप्लांट भी हुआ था, लेकिन वो स्टेम सेल वयस्कों से लिए गए थे।
इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी के अध्यक्ष शेरोन लेविन ने कहा कि अब इलाज की तीसरी रिपोर्ट आ रही है और पहली बार किसी महिला का इलाज स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए किया गया है। डॉक्टरों ने पहले HIV संक्रमित मरीजों का टेस्ट कर कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए कीमोथेरेपी की। फिर विशेष आनुवंशिक उत्परिवर्तन वाले व्यक्ति के स्टेम सेल को रोगी के शरीर में ट्रांसप्लांट किया है। इसका अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रत्यारोपण के बाद मरीजों में HIV के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। एड्स सोसाइटी के अध्यक्ष के लेविन का कहना है कि जीन थैरेपी के जरिए HIV का उपचार किया जा सकता है। शोध के मुताबिक इस उपचार की सफलता की कुंजी रोगी के शरीर में एचआईवी प्रतिरोधी कोशिकाओं का सफल प्रत्यारोपण है।