जयशंकर और उज्बेकिस्तान के उनके समकक्ष ने क्षेत्रीय चिंताओं पर निकट समन्वय करने पर जताई सहमति

जयशंकर और उज्बेकिस्तान के उनके समकक्ष ने क्षेत्रीय चिंताओं पर निकट समन्वय करने पर जताई सहमति

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  • Publish Date - September 10, 2020 / 07:38 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

मास्को, 10 सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उज्बेकिस्तान के अपने समकक्ष अब्दुल अजीज कामिलोव के साथ यहां बैठक की, जिसमें दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय चिंताओं के मामलों पर करीबी समन्वय करने और विकास संबंधी बढ़ती साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई।

जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रूस की चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक के साथ दिन की शुरुआत की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय चिंताओं से निपटने के लिए करीबी समन्वय स्थापित करने पर सहमति जताई। हम हमारी बढ़ती विकास साझेदारी को आगे लेकर जाएंगे। मैं मध्य एशिया मामलों में उज्बेकिस्तान की अहम भूमिका की सराहना करता हूं।’’

इससे पहले, जयशंकर ने बुधवार को यहां किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों एवं दोनों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

ताशकंद में भारतीय दूतावास ने कहा कि उज्बेकिस्तान और भारत के संबंध काफी पुराने हैं। संस्कृत और पाली साहित्य में कम्बोज का कई बार जिक्र किया गया है। ऐसा बताया जताया है कि कम्बोज में मौजूदा उज्बेकिस्तान के हिस्से शामिल थे। शक समुदाय ने कौरवों के पक्ष में महाभारत में भाग लिया था। प्राचीन व्यापार मार्ग उत्तरापथ उज्बेकिस्तान से होकर जाता था।

भारत का सोवियत काल में उज्बेकिस्तान से निकट संवाद था। भारतीय नेता ताशकंद और अन्य स्थानों पर कई बार गए। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का पाकिस्तान के साथ ताशकंद घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर के बाद 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में निधन हुआ था।

भाषा

सिम्मी दिलीप

दिलीप