तोक्यो, छह अगस्त (एपी) हिरोशिमा के अधिकारियों ने वैश्विक नेताओं से मंगलवार को अपील की कि वे युद्ध रोकने के लिए परमाणु हथियारों पर निर्भरता को रोकें और इसके लिए तत्काल कदम उठाएं ताकि यूक्रेन एवं पश्चिम एशिया में संघर्षों और पूर्वी एशिया में बढ़ते तनाव के बीच परमाणु युद्ध के खतरे से बचा जा सके।
अधिकारियों ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में 79 साल पहले परमाणु बम गिराए जाने की घटना की बरसी के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण को ज्वलंत एवं अहम मुद्दे के तौर पर देखा जाना चाहिए।
हिरोशिमा पर हमले की बरसी से कुछ दिन पहले ही जापान और अमेरिका ने एशियाई देश की रक्षा के लिए ‘‘विस्तारित प्रतिरोध’’ के प्रति वाशिंगटन की प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी। इस ‘‘विस्तारित प्रतिरोध’’ के तहत अमेरिका द्वारा जापान की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों समेत अपनी सैन्य क्षमताओं का उपयोग किए जाने का प्रावधान है।
इससे पहले तक जापान इस संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बात करने से बचता रहा था क्योंकि वह दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने परमाणु हमले झेले हैं।
हिरोशिमा के गवर्नर हिदेहिको युजाकी ने कहा कि परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र और युद्ध रोकने के लिए परमाणु हथियार रखने के समर्थक ‘‘जानबूझकर इस तथ्य की अनदेखी करते हैं … कि लोगों ने जब एक बार हथियार का आविष्कार कर लिया, तो उन्होंने बिना किसी अपवाद के उसका इस्तेमाल किया।’’
युजाकी ने ‘हिरोशिमा शांति स्मारक उद्यान’ में अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘जब तक परमाणु हथियार मौजूद हैं, उनका किसी दिन फिर से उपयोग अवश्य किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘परमाणु हथियारों का उन्मूलन ऐसी आवश्यकता नहीं है जिसे आगे कभी भविष्य के लिए टाला जा सकता है। यह एक ज्वलंत और महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर हमें इसी समय पूरी तरह से ध्यान देना चाहिए क्योंकि परमाणु समस्याएं मानव अस्तित्व के लिए आसन्न जोखिम हैं।’’
हिरोशिमा के मेयर काजुमी मात्सुई ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का युद्ध तथा इजराइल एवं फलस्तीनियों के बीच बढ़ता संघर्ष ‘‘राष्ट्रों के बीच अविश्वास और भय को बढ़ा रहा है’’ तथा इस दृष्टिकोण को मजबूत कर रहा है कि संघर्ष से निपटने में बल का प्रयोग अपरिहार्य है।
जापान के हिरोशिमा में छह अगस्त 1945 और नागासाकी में नौ अगस्त 1945 को अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराए जाने के बाद लाखों लोग मारे गए थे। इसके बाद जापान ने 15 अगस्त को आत्मसमर्पण कर दिया था जिससे द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया था।
समारोह में उपस्थित लगभग 50,000 लोगों ने सुबह सवा आठ बजे कुछ पल का मौन रखा। सुबह सवा आठ बजे ही अमेरिकी बी-29 ने शहर पर बम गिराया था।
इस समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण के तरीकों पर विभाजित विचार और वैश्विक संघर्ष इस लक्ष्य को प्राप्त करना ‘‘और भी अधिक चुनौतीपूर्ण’’ बनाते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस कोशिश को गति प्रदान करने के लिए ‘‘यथार्थवादी और व्यावहारिक कदम’’ उठाने की दिशा में हर संभव कोशिश करने का संकल्प लिया।
एपी सिम्मी अमित
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