पोप फ्रांसिस को दी गई अंतिम विदाई, आम लोगों के पोप के तौर पर उन्हें याद किया गया

पोप फ्रांसिस को दी गई अंतिम विदाई, आम लोगों के पोप के तौर पर उन्हें याद किया गया

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  • Publish Date - April 26, 2025 / 07:42 PM IST,
    Updated On - April 26, 2025 / 07:42 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

वेटिकन सिटी, 26 अप्रैल (एपी) पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में विश्व नेताओं और कैथोलिक अनुयायियों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर शनिवार को उन्हें अंतिम विदाई दी।

इस कार्यक्रम में पोप के रूप में फ्रांसिस की प्राथमिकताएं और पादरी के रूप में उनकी इच्छाएं प्रतिबिंबित हुईं।

करीब 2,50,000 लोग प्रार्थना सभा में शामिल हुए और फ्रांसिस का ताबूत शहर के दूसरी ओर स्थित सेंट मैरी मेजर बेसिलिका लाये जाने के दौरान रास्ते में हजारों लोग कतार में खड़े नजर आए।

इसके बाद ताबूत को स्विस गार्ड की सुरक्षा में चर्च के अंदर ले जाया गया।

इससे पहले, कॉलेज ऑफ कार्डिनल के डीन, कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे (91) ने पोप फ्रांसिस को आम लोगों का पोप बताते हुए कहा कि वह ऐसे पादरी थे जो अनौपचारिक एवं सहज शैली में ‘‘हमारे बीच सबसे कमजोर’’ लोगों से संवाद करना जानते थे।

रे ने फ्रांसिस को ‘‘लोगों के बीच रहने वाला पोप एवं सभी के लिए खुले दिल वाला’’ बताया।

उन्होंने कहा कि फ्रांसिस की जो आखिरी छवि कई लोगों के मन में है, वह ईस्टर रविवार को आशीर्वाद देने और उसी ‘स्क्वायर’ में पोपमोबाइल (पोप का वाहन) से सलामी देने की है।

उन्होंने जब प्रवासियों के लिए फ्रांसिस द्वारा निरंतर जताई गई चिंता को याद किया, तो भीड़ ने उनकी सराहना की।

रे ने पोप का अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर जाना और यूनान के लेस्बोस में शरणार्थी शिविर की यात्रा करना तथा 12 प्रवासियों को अपने साथ घर लाने का उल्लेख किया।

रे ने कहा, ‘‘उनका यह मानना था कि चर्च सभी के लिए एक घर है, एक ऐसा घर जिसके दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं।’’

फ्रांसिस ने कमजोर लोगों पर ध्यान दिया था, लेकिन उनके अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शक्तिशाली लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर मौजूद थे।

कार्यक्रम में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्य राजकुमार विलियम और यूरोपीय संघ के नेता भी शामिल हुए। इसमें 160 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी रही।

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली और फ्रांसिस के बीच भले ही खास मेल-जोल नहीं था लेकिन पोप के उस देश से होने के कारण माइली को उपयुक्त स्थान दिया गया।

ट्रंप और जेलेंस्की ने अंतिम संस्कार कार्यक्रम से इतर निजी मुलाकात की। एक फोटो में दोनों नेता सेंट पीटर्स बेसिलिका में कुर्सियों पर एक-दूसरे के सामने एकांत में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं, जहां फ्रांसिस अक्सर रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण अंत की आवश्यकता बताते थे।

शहर भर में आयोजित सामूहिक प्रार्थना सभा और शव यात्रा — जिसमें फ्रांसिस के ताबूत को खुली छत वाले वाहन में रखा गया था — का भी दुनिया भर में सीधा प्रसारण किया गया।

इस वाहन का उपयोग पोप ने 2015 में फिलीपीन की अपनी यात्रा के दौरान किया था।

इतालवी मीडिया के अनुसार, पुलिस हेलीकॉप्टर आसमान में मंडरा रहे थे, जो इतालवी अधिकारियों द्वारा संचालित विशाल सुरक्षा अभियान का हिस्सा था। इसके तहत 2,500 से अधिक पुलिसकर्मी, 1,500 सैनिकों और समुद्र तट पर एक टारपीडो जहाज भी तैनात किया गया था।

प्रथम लैटिन अमेरिकी और प्रथम जेसुइट पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

उनके अंतिम संस्कार के बाद, नये पोप के चुनाव की सदियों पुरानी प्रक्रिया आरंभ करने के लिए तैयारियां शुरू हो सकती हैं। यह संभवतः मई के पहले सप्ताह में शुरू होगा। इस बीच, वेटिकन का प्रशासन कार्डिनल्स द्वारा चलाया जा रहा है, जिनमें रे प्रमुख हैं।

फ्रांसिस को रोम के मुख्य रेलवे स्टेशन के पास सेंट मैरी मेजर में दफनाया जाएगा, जहां एक साधारण कब्र होगी, जिसके शिलापट्ट पर उनका नाम ‘फ्रांसिसस’ अंकित होगा।

शव यात्रा के छह किलोमीटर लंबे मार्ग पर लगभग 3,00,000 लोग कतार में खड़े थे।

पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार वेटिकन में नौ दिवसीय आधिकारिक शोक अवधि की शुरुआत का प्रतीक है।

फ्रांसिस ने पिछले साल वेटिकन की परंपराओं और रीति-रिवाजों में बदलाव कर उन्हें सरल बनाते समय अपने अंतिम संस्कार कार्यक्रम को लेकर अपनी इच्छा बताई थी।

वेटिकन ने कहा कि उनका उद्देश्य पोप की भूमिका को केवल एक पादरी के रूप में दिखाना था, न कि ‘‘इस दुनिया के एक शक्तिशाली व्यक्ति’’ के रूप में।

शुक्रवार रात पोप के ताबूत में रखे गए उनके जीवन के आधिकारिक आदेश के अनुसार, फ्रांसिस ने पोप के रूप में 12 साल में अपने पद के संबंध में आमूलचूल सुधार किए और पादरियों के सेवक होने पर जोर दिया। उन्होंने 2013 में अपने चयन के कुछ ही दिन बाद इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।

सेंट पीटर्स स्क्वायर के आस-पास की सड़कों पर विशाल टेलीविजन स्क्रीन लगाई गईं ताकि लोग पोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम को देख सकें।

एपी सुभाष पवनेश

पवनेश