श्रीलंका में सत्ता को लेकर सियासी उठापटक, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफा

श्रीलंका में सत्ता को लेकर सियासी उठापटक, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफा

  •  
  • Publish Date - December 16, 2018 / 05:41 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

कोलंबो। श्रीलंका में सत्ता को लेकर सियासी उठापटक के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दे दिया है। सात हफ़्ते पहले ही श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। विश्लेषकों की माने तो राजपक्षे के पद छोड़ने के बाद श्रीलंका में क़रीब दो महीने से जारी सत्ता संघर्ष पर विराम लग सकता है।

पढ़ें- श्रीलंका की सर्वोच्च अदालत का राष्ट्रपति सिरीसेना को झटका, कहा- संस…

बीते अक्टूबर के महीने में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह राजपक्षे को प्रधानमंत्री बना दिया था। ये माना जा रहा है कि विक्रमसिंघे रविवार को प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाल सकते हैं।

विक्रमसिंघे की पार्टी के प्रवक्ता हरीन फर्नांडो के मुताबिक “राष्ट्रपति रविवार सुबह 10 बजे रानिल विक्रमासिंघे को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए तैयार हो गए हैं.” प्रवक्ता फर्नांडो ने कहा कि इससे राजनीतिक गतिरोध ख़त्म होगा. उन्होंने कहा कि 50 दिन पहले राजनीतिक संकट की शुरुआत होने के बाद से देश और इसकी अर्थव्यवस्था को ‘ख़ासा नुकसान’ हुआ है।

पढ़ें –सड़क पर पैसों की बारिश, कार रोककर पैसे उठाने में लगे रहे लोग

श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक फ़ैसले में राष्ट्रपति सिरीसेना के नवंबर में संसद भंग करके तय वक़्त से क़रीब दो साल पहले चुनाव कराने को फ़ैसले को अवैध बताया था। राजनीतिक संकट के पूरे दौर के दौरान विक्रमसिंघे ने लगातार कहा कि वैधानिक रूप से वो ही श्रीलंका के प्रधानमंत्री हैं। श्रीलंका के राजनीतिक संकट के दौरान संसद में भी हंगामा हुआ और लोगों ने सड़कों पर भी प्रदर्शन किए. श्रीलंका के घटनाक्रम पर भारत, चीन, अमरीका और यूरोपीय संघ की भी नज़र थी।