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US Vs Russia: अमेरिका और युरोपीय संंघ ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पुतिन ने कहा है कि ये कदम दोस्ताना नहीं है और इससे दुनिया के तेल बाजार में अस्थिर स्थिति आ सकती है। उनका कहना है कि इसका नुक्सान आखिरकार अमेरिका को ही उठाना पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के तेल उद्योग पर नए प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद यूरोपीय संघ ने भी रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों का नया पैकेज घोषित किया।
यूरोपीय संघ ने रूस पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जो एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल उद्योग पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद बढ़ी हुई कार्रवाई का हिस्सा हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के इस कदम को बैर बढ़ाने वाली कार्यवाई बताई है।
अमेरिका और यूरोप के ये प्रतिबंध रूस की आय और आपूर्ति को रोकने के प्रयास का हिस्सा हैं ताकि यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए पुतिन को वार्ता पर मजबूर किया जा सके। पुतिन ने स्वीकार किया कि अमेरिकी प्रतिबंधों के कुछ असर होंगे लेकिन रूस की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। मास्को में पत्रकारों से बात करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि गंभीर अमेरिकी प्रतिबंधों के रूस पर निश्चित परिणाम होंगे लेकिन उन्होंने कहा कि इनका उसकी अर्थव्यवस्था पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। पुतिन ने ट्रंप को चेतावनी दी है कि रूसी तेल निर्यात पर रोक की कोशिश वैश्विक तेल बाजारों को अस्थिर कर देगी और अमेरिका के खिलाफ इसका उल्टा असर होगा।
US Vs Russia: उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में भेजे जाने वाले हमारे तेल और तेल उत्पादों की मात्रा में भारी कमी से कीमतें बढ़ेंगी। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं को इसका असर महसूस होगा। इसी के साथ पुतिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों की निंदा करते हुए इसे एक ‘अमित्र कार्रवाई’ बताया, जो वाशिंगटन के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाएगी और कहा कि मास्को दबाव के आगे नहीं झुकेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी। इसके एक दिन बाद यूरोपीय संघ ने भी ऊर्जा, शिपिंग और वित्तीय लेनदेन को निशाना बनाते हुए नए आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान किया है।
इसके अलावा रूसी नेता ने चेतावनी दी कि यूक्रेन के पश्चिम द्वारा आपूर्ति किए गए लंबी दूरी के हथियारों से रूस के अंदरूनी हिस्सों में हमला करने की कोई भी कोशिश तनाव को बढ़ाएगी और रूस की ओर से बेहद गंभीर, बल्कि चौंकाने वाली प्रतिक्रिया को जन्म देगी।