अभूतपूर्व भारत-ब्रिटेन आवाजाही समझौते ने पूर्व की अड़चनों को दूर किया : प्रीति पटेल

अभूतपूर्व भारत-ब्रिटेन आवाजाही समझौते ने पूर्व की अड़चनों को दूर किया : प्रीति पटेल

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  • Publish Date - May 11, 2021 / 01:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 11 मई (भाषा) ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच हाल में जिस प्रवासन एवं आवाजाही साझेदारी (एमएमपी) पर हस्ताक्षर किये गए वह अभूतपूर्व पारस्परिक समझौता है, जो पूर्व में आवाजाही व प्रवासन को लेकर पूर्व की सभी अड़चनों को पार करेगा।

पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ लंदन में साझेदारी के सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने वाली भारतीय मूल की वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि योजना है कि इस समझौते के तहत 3000 युवा छात्र व पेशेवर हर साल एक दूसरे के देशों में नए अनुभव का लाभ प्राप्त करें। यह समझौता अगले कुछ महीनों में कार्यान्वित हो जाएगा।

उन्होंने रेखांकित किया कि नये समझौते से दोनों देशों के 18 से 30 वर्ष आयु के युवाओं को पेशेवर एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत 24 महीने तक के लिए एकदूसरे के देश में काम करने और रहने के लिए सुविधा मिलेगी।

पटेल ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा, “यह एक बेहद महत्वपूर्ण अभूतपूर्व योजना है जिससे दोनों देश अतिरिक्त रूप से लाभान्वित होंगे। यह अत्यधिक प्रतीकात्मक है।”

उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि दोनों देशों से कैसे ज्यादा औचित्यपूर्ण और परिवर्तनकारी तरीके से वास्तव में अपने रिश्तों को विकसित किया और आगे बढ़ाया है, जो स्पष्ट रूप से कहूं तो पहले नहीं थे। आवाजाही को संबंधों के दिल में रखना असल बदलाव है, यह वास्तविक धुरी है। हम पूर्व में काफी समय आवाजाही में बाधाओं के बारे में बात कर गंवा चुके हैं।”

एमएमपी के तहत दोनों पक्ष नयी व्यवस्था को अप्रैल 2022 की समय सीमा तक अमल में लाने पर सहमत हैं और इसके लिये लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग और नयी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में काम चल रहा है।

मंत्री ने कहा, “हमने इस पर तेजी से काम किया और अब हम इसकी समय सीमा को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। हम चीजों को लंबित नहीं रख रहे। हम अब इनके लिये तारीखें तय कर रहे हैं।”

अपनी तरह के पहले बताए जा रहे इस समझौते के तहत ब्रिटेन और भारत के हजारों युवाओं को एक दूसरे के यहां रहने, काम करने और एकदूसरे की संस्कृतियों का अनुभव करने के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके साथ ही

समझौता यह भी सुनिश्चित करेगा कि ब्रिटिश सरकार उन लोगों को अधिक आसानी से वापस भेज सकती है जिनके पास ब्रिटेन में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

प्रत्यर्पण के मामलों का हवाला देते हुए पटेल ने कहा, “हमने अवैध प्रवासन से जुड़े एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये हैं जिससे भारत को भी बड़ा फायदा होगा क्योंकि स्वाभाविक रूप से कुछ ऐसे व्यक्ति हैं, जो यहां आ गए हैं लेकिन भारत उनकी वापसी चाहता है।”

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप