काराकस, आठ मई (एपी) वेनेजुएला की सरकार ने पहली बार स्वीकार किया है कि देश के विपक्षी दलों के सदस्य अर्जेंटीना के दूतावास परिसर से बाहर आ गए हैं जहां उन लोगों ने एक साल से अधिक समय से शरण ली हुई थी।
हालांकि, सरकार ने इस बात से इनकार किया कि विपक्षी सदस्यों को ‘‘अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियान’’ के तहत अमेरिका ले जाया गया जैसे कि राजनीतिक दलों और अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था।
वेनेजुएला के गृह मंत्री डिओसडाडो कैबेलो ने बुधवार को कहा कि विपक्षी सदस्यों की गतिविधियों के बारे में सरकार से बातचीत की गई। उन्होंने दावा किया कि पिछले साल मार्च में अर्जेंटीना के दूतावास में शरण लेने वाले विपक्षी सदस्यों में से एक ने अगस्त में ही परिसर छोड़ दिया था, जो विपक्ष के पूर्व के बयानों का खंडन करता है।
कैबेलो का यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किए गए बयान के 24 घंटे से अधिक समय बाद आया है। रुबियो ने अपने बयान में कहा था कि विपक्षी सदस्य ‘‘सफल बचाव अभियान’’ के बाद अमेरिका पहुंच गए हैं।
वेनेजुएला की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति वफादार अधिकारियों ने देश को अस्थिर करने के लिए हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों के इन सदस्यों की गिरफ्तारी के वारंट जारी किए थे, जिसके बाद अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली की सरकार ने मार्च 2024 में दूतावास के निवास में पांच लोगों को शरण लेने की अनुमति दी थी।
शरण लेने वाले इन लोगों में मचाडो के अभियान प्रबंधक और संचार निदेशक शामिल हैं।
विपक्षी दलों के इन सदस्यों ने परिसर के बाहर खुफिया सेवा एजेंटों और पुलिस की लगातार मौजूदगी की निंदा की थी। इन सदस्यों ने सरकार पर परिसर में बिजली और पानी की सेवाएं काटने का भी आरोप लगाया था।
हालांकि, सरकार ने आरोपों को खारिज किया था।
इन पांच सदस्यों के अलावा फर्नांडो मार्टिनेज ने भी नौ माह तक दूतावास में शरण ली थी, जो 1990 के दशक में कैबिनेट मंत्री थे। वेनेजुएला के अधिकारियों के अनुसार, मार्टिनेज ने पिछले साल दिसंबर के मध्य में परिसर छोड़ दिया और अभियोजकों के सामने पेश हुए। फरवरी में उनकी मौत हो गई थी।
मंगलवार को रुबियो की घोषणा के बाद, मचाडो ने उन लोगों को धन्यवाद दिया जो ‘‘वेनेजुएला के पांच नायकों की आजादी के इस अभियान’’ में शामिल थे। हालांकि कैबेलो ने दावा किया कि मार्टिनेज के जाने के बाद दूतावास में केवल चार लोग ही बचे थे।
एपी खारी सुरभि
सुरभि