छत्तीसगढ़ में 7 जुलाई को ठप रहेगा सभी सरकारी दफ्तरों का कामकाज, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में ऐलान

Work of all government offices will come to a standstill on July 7: पहली कड़ी में 7 जुलाई को तमाम सरकारी दफ्तरों का कामकाज ठप रहेगा। कर्मचारी महासंघ मोर्चा ने कहा है कि यह आंदोलन प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर पर धरना प्रदर्शन के साथ शुरू किया जाएगा।

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  • Publish Date - June 23, 2023 / 09:13 PM IST,
    Updated On - June 23, 2023 / 09:13 PM IST

Work of all government offices will come to a standstill on July 7: रायपुर। आज छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बैठक रखी गई थी। इंद्रावती भवन में आयोजित इस कर्मचारी महासंघ मोर्चा की बैठक में जुलाई और अगस्त में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया गया है। एचआरए समेत अन्य मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान किया गया है। जिसकी पहली कड़ी में 7 जुलाई को तमाम सरकारी दफ्तरों का कामकाज ठप रहेगा। कर्मचारी महासंघ मोर्चा ने कहा है कि यह आंदोलन प्रदेश, जिला और ब्लॉक स्तर पर धरना प्रदर्शन के साथ शुरू किया जाएगा।

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छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले कर्मचारी राजनीति में नया मोड़ आ गया है। अलग अलग मांगों को लेकर अलग-अलग प्रदर्शन करने वाले लगभग सारे कर्मचारी संगठन अब एक मंच पर आ गए हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, छत्तीसगढ कर्मचारी अधिकारी महासंघ और छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने मिलकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा नाम से नया मंच तैयार कर लिया है। संयुक्त मोर्चा के 4 सूत्री एजेंडे में उन सभी मांगों को शामिल कर लिया गया है, जिसके लिए प्रदेश के सरकारी कर्मचारी लगातार संघर्ष करते आए हैं। जो एजेंडा तैयार किया गया है सबसे ऊपर सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता देने की मांग रखी गई है। दूसरी मांग पेंशन को लेकर हैं।

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मोर्चा की मांग है कि राज्य के कर्मचारी और पेंशनरों को भी केंद्रीय कर्मचारी के समान देय तिथि से ही महंगाई भत्ता दिया जाए। तीसरे नंबर कांग्रेस के किए वादे को रखा गया है। सरकार से मांग की गई है कि जनघोषणा पत्र के अनुरूप राज्य के सभी कर्मचारियों को 8, 16, 24 और 30 साल पूरे होने पर चार स्तरीय वेतनमान दिया जाए। वहीं चौथी मांग पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट को जल्द सरकार को सौंपने की रखी गई है। चुनाव से ठीक पहले बना ये संयुक्त मोर्च इसलिए भी अहम है क्योंकि इसमें मंत्रालयीन कर्मचारी संघ भी शामिल हुआ है.. और अब तक शिक्षक, स्वास्थ, और तृतीय वर्ग कर्मचारियों के कई संगठन एक दूसरे से विपरीत चलते थे, वो भी एक मंच पर आ गए हैं। ऐसे में इस मोर्चा से कोई भी आंदोलन का ऐलान हुआ तो सरकार का लगभग सारा काम ठप पड़ जाएगा।