न्यायाधीश पर टिप्पणी को लेकर बिहार न्यायिक सेवा संघ ने उपमुख्यमंत्री से माफी की मांग की

न्यायाधीश पर टिप्पणी को लेकर बिहार न्यायिक सेवा संघ ने उपमुख्यमंत्री से माफी की मांग की

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 08:24 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 08:24 PM IST

पटना, 24 दिसंबर (भाषा) बिहार न्यायिक सेवा संघ ने न्यायाधीश के खिलाफ “अत्यंत आपत्तिजनक और विचलित करने वाली टिप्पणी” करने के आरोप में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा से माफी की मांग की है।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित एक पत्र में संघ के सचिव अनिल कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो क्लिप का उल्लेख किया है। वीडियो में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का प्रभार संभाल रहे सिन्हा को “एक न्यायिक अधिकारी की निष्पक्षता और ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए” देखा जा सकता है।

पत्र के अनुसार, कथित वीडियो में मंत्री यह संकेत देते हुए सुने जा सकते हैं कि किसी मामले का त्वरित निपटारा करने वाले न्यायाधीश ने संभवतः किसी “स्वार्थ” के चलते ऐसा किया और उनके आचरण की सूचना पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दी जानी चाहिए।

हालांकि, ‘पीटीआई-भाषा’ इस वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है।

न्यायिक सेवा संघ ने 23 दिसंबर को लिखे अपने पत्र में कहा है कि “इस प्रकार की टिप्पणियां, विशेषकर कार्यपालिका के सदस्यों की ओर से, न्याय के प्रशासन में हस्तक्षेप कर सकती हैं और न्यायाधीशों को निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से हतोत्साहित कर सकती हैं।”

पत्र में कहा गया है, “न्यायपालिका की सार्वजनिक आलोचना संतुलित, तथ्यपूर्ण और संवैधानिक मर्यादा के अनुरूप होनी चाहिए,यदि किसी विषय को माननीय उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाने की आवश्यकता है, जैसा कि वीडियो में कहा और सुना जा रहा है, तो उसे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही रिपोर्ट किया जाना चाहिए।”

संघ ने कहा, “किसी न्यायिक अधिकारी या न्यायिक संस्था के विरुद्ध सार्वजनिक मंच से इस तरह की अनुचित टिप्पणी करना, जो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई हो, मंत्री जी से अपेक्षित नहीं है।”

पत्र में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री को अपने बयानों के परिणामों पर आत्ममंथन करना चाहिए और अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।

संघ ने कहा, “संवैधानिक संस्थाओं के बीच पारस्परिक सम्मान बनाए रखना लोकतांत्रिक शासन और विधि के शासन की रक्षा के लिए अनिवार्य है।”

भाषा

कैलाश

रवि कांत