Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का सबसे बड़ा सरप्राइजिंग फैक्टर, NOTA ने कई दिग्गजों को धूल चटाया, 26 सीटों पर पलटे समीकरण, इतने लाख वोट नोटा को…

बिहार में नोटा का प्रभाव बढ़ा, 2020 के मुकाबले दो लाख से अधिक मतदाताओं ने दबाया नोटा बटन

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का सबसे बड़ा सरप्राइजिंग फैक्टर, NOTA ने कई दिग्गजों को धूल चटाया, 26 सीटों पर पलटे समीकरण, इतने लाख वोट नोटा को…

BIHAR VIDHANSABHA CHUNAV 2025

Modified Date: November 17, 2025 / 12:44 pm IST
Published Date: November 17, 2025 11:59 am IST
HIGHLIGHTS
  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं, NDA ने जीत दर्ज की।
  • नोटा (None of the Above) का प्रभाव कई सीटों पर निर्णायक साबित हुआ।
  • 26 विधानसभा सीटों पर नोटा को मिले वोट हार-जीत के अंतर से अधिक रहे।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। NDA ने जीत हासिल करली है, और जल्द बिहार को नया मुखिया मिलने जा रहा है। पर सबसे चौंकाने वाली बात है कि, बिहार विधानसभा में नोटा यानी कि, (None of the Above) उपरोक्त में से कोई नहीं वाले वोटर्स एक बार फिर से सुर्खियों में है।

बिहार में नोटा का प्रभाव बढ़ा

जहां इस विकल्प को मिले वोट कई सीट पर निर्णायक साबित हुए। राज्य की 26 विधानसभा सीट पर नोटा को मिले वोट हार-जीत के अंतर से अधिक रहे, जिससे चुनाव के नतीजों पर इसका सीधा असर पड़ा है।

क्या बताते हैं निर्वाचन आयोग के आंकड़े ?

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 7,06,293 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था जबकि 2025 में यह संख्या बढ़कर 9,10,710 हो गई। हालांकि यह आंकड़ा वर्ष 2015 के मुकाबले कम है, जब 9,47,279 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था।

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कल्याणपुर सीट पर सबसे ज्यादा नोटा वोटर्स

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सबसे अधिक 8,634 नोटा वोट कल्याणपुर सीट पर डाले गए। इसके अलावा गड़खा, कुशेश्वरस्थान, मधुबन और खगड़िया जैसी सीट पर भी नोटा के वोट ने नतीजों की दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, 26 सीट पर नोटा को मिले वोट हार-जीत के अंतर से अधिक होने के कारण राजनीतिक दलों और रणनीतिकारों को अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने को मजबूर होना पड़ा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का बयान आया सामने

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: राजनीतिक विश्लेषक सुभाष पांडे ने कहा कि मतदाताओं के बीच नोटा का बढ़ता चलन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जनता उम्मीदवारों के चयन को लेकर असंतुष्ट है। उन्होंने कहा, ‘‘नोटा के बढ़ते वोट राजनीतिक दलों को एक सशक्त संदेश देते हैं। कई सीट पर नोटा ने चुनावी समीकरण बिगाड़े हैं, जिससे पार्टियों की चिंता बढ़ गई है।’’

बिहार में नोटा का उभरता रुझान यह दर्शाता है कि मतदाता विकल्प की तलाश में हैं और राजनीतिक दलों को उम्मीदवार चयन तथा स्थानीय मुद्दों पर अधिक गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।

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लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।