Bihar Election | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Bihar Election बिहार में विधानसभा चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। मतदाता सूची में गड़बड़ी और फर्जी वोटर पर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। राहुल गांधी महाराष्ट्र की तरह बिहार चुनाव में गड़बड़ी की आशंका जता रहे है तो दूसरी तरफ चुनाव आयोग की बिहार की वोटर लिस्ट को नए सिरे से तैयार करने की कवायद ने भी सियासी तूल पकड़ लिया है।
Bihar Election महाराष्ट्र में फर्जी वोटर्स पर मचे बवाल के बीच अब बिहार में भी मतदाता सूची को लेकर घमासान शुरू हो गया है। महागठबंधन के नेता सीधे-सीधे बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग पर मनमानी करने का आरोप लगा रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर बिहार विधानसभा चुनाव में भी धांधली करने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट को नए सिरे से तैयार करने के लिए कहा है। मतदाताओं को एक गणना फॉर्म जमा करना होगा, और 2003 के बाद पंजीकृत लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज भी देने होंगे। चुनाव आयोग के इसी फैसले के खिलाफ महागठबंधन के नेताओं ने मोर्चा खोलते हुआ आरोप लगाया कि बीजेपी सारे हथकंडे चुनाव हारने के डर से बचने के लिए करवा रही।
इससे पहले ममता बनर्जी ने भी एक दिन पहले कह चुकी है। बिहार चुनाव के बहाने पूरे देश में NRC लागू करने की तैयारी है, जो कि लोकतंत्र के लिए खतरनाक और अलार्मिंग है। जाहिर है महागठबंधन के नेताओं को इस बात की आपत्ति है कि आखिरी बार जब वोटर लिस्ट में संशोधन हुआ था, तो उसमें 2 साल लगे थे। ऐसे में जब बिहार चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचे हैं, तो चुनाव आयोग इसे कैसे पूरा कर सकती है? अब सवाल है कि आखिर चुनाव आयोग वोटर वेरिफिकेशन पर विपक्ष को आपत्ति क्यों है। सवाल ये भी कि चुनाव से ऐन पहले इसकी जरूरत क्यों पड़ी?