Amit Shah In Rajnandgaon
Barun Sakhajee Associate Executive Editor, IBC24
बरुण सखाजी
Kamalnath Will Left Congress? एमपी में कांग्रेस के 15 साला वनवास को 2018 में खत्म करने वाले कमलनाथ 2023 में इतने उपेक्षित क्यों कर दिए गए? अपनी उम्र से लगभग आधी उम्र के जीतू पटवारी को रातोंरात प्रदेश की कमान दे दी गई। नाथ नाराज हैं या नहीं, पता नहीं लेकिन यह जरूर तय है कि पटवारी उनकी पहली पसंद तो नहीं थे। 3 दिसंबर 2023 के नतीजों के बाद महज डेढ़ महीने में आखिर यह राष्ट्रीय नेता क्यों एमपी के फलक से गायब चल रहा है? कांग्रेस की दर्जनों महत्वपूर्ण कमेटियां बनाई गई, लेकिन नाथ गायब रहे। कोई उम्र का हवाला दे सकता है, किंतु सियासत में यह सच नहीं होता, तो क्या माना जाए नाथ की कांग्रेस में पारी पूरी हुई।
Kamalnath Will Left Congress? कमलनाथ ने सार्वजनिक जीवन की सियासत में 50 साल तक एकछत्र राज किया है। छिंदवाड़ा से उन्हें हराना सिर्फ एक बार छोड़ दें तो कभी किसी के लिए संभव नहीं हो सका। केंद्र में जब भी कांग्रेस सरकार रही तब कमलनाथ मंत्री रही और ताकतवर नेता भी। आज भी नाथ की अपने क्षेत्र में धमक है। 2019 में जब कांग्रेस एमपी में 29 में से 28 हार गई तब भी छिंदवाड़ा ने ही पार्टी की नाक बचाई थी। किसी तरह के वित्तीय आरोपों से परे, सियासत और व्यवसाय में पूरी तरह से फर्क करने वाले नेता रहे हैं कमलनाथ। लेकिन वे कुछ दिनों से राजनीतिक फलक से विराम लेकर बैठे हैं। किसी जमाने में सियासत के जादूगर रहे नाथ का यह विराम अल्प है या पूर्ण विराम, फिलवक्त कहना नहीं चाहिए, किंतु उनके पुत्र सांसद नकुल नाथ के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। नकुल सियासत में अभी रमे नहीं, रमेंगे या नहीं यह भी कहना जल्दबाजी है, परंतु मौजूदा पार्टी में जूनियर भूमिका में तो नहीं रम सकेंगे। शायद इसीलिए यह कयास लगाना कोई तेजी नहीं कि वे भाजपा में ज्यादा बेहतर भूमिका पा सकते हैं। क्योंकि छिंदवाड़ा भाजपा को चाहिए, नकुल को चाहिए सियासत में सम्मान। यह कांग्रेस में नहीं मिल सकता, क्योंकि कांग्रेस सतत विफलताओं के बावजूद राहुल गांधी को तो पच्चीसों साल युवा नेता के रूप में ट्राइ कर सकती है, लेकिन दूसरे नेता पुत्रों को नहीं।
ऐसे में क्या कमलनाथ एके एंटनी की तरह करने जा रहे हैं। एंटनी के बेटे ने भाजपा ज्वाइन की। एंटनी ने बयान दिया, मुझे अचरज है। बात खत्म। एंटनी के बेटे केरल भाजपा में अहम ओहदेदारों में गिने जाने लगे। लेकिन क्या एमपी में ऐसी उर्बरा नाथ के लिए है। एमपी में भाजपा सरकार में है केरल में इसका कोई नामलेवा नहीं। परंतु कांग्रेस केरल में कमजोर हो रही है, किसी समय सत्ता में रह चुकी है। एमपी में भी कांग्रेस कमजोर हो रही है, पहले लगातार सत्ता में रही है। इस पैरामीटर पर देखें तो कमलनाथ एंटनी स्टेप उठाते हैं तो क्या स्थितियां हो सकती हैं, यह आने वाला कल तय करेगा।