Action to break BRTS corridor in Bhopal
भोपाल: आखिरकार भोपाल की सड़को से बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की कवायद आज से शुरू कर दी जाएगी। सबसे पहले बैरागढ़ में हलालपुर से विसर्जन घाट तक का हिस्सा हटाया जाएगा जिसके बाद पूरे मिसरोद तक के कॉरिडोर को हटाया जाएगा। गौरतलब हैं कि सीएम बनने के बाद डॉ मोहन यादव के दफ्तर ने इस बारें में बयान जारी करते हुए बताया था कि भोपाल में यातायात के फ्री फ्लो में बीआरटीएस के कारण उत्पन्न होने वाली विभिन्न बाधाओं पर विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। बताया गया था कि यातायात के सुचारु बनाये रखने और आसान बनाने के लिए बीआरटी कॉरिडोर को चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जाएगा और अन्य सड़कों के साथ जोड़ा जाएगा।
भोपाल में कॉरिडोर का निर्माण तत्कालीन शिवराज सिंह की सरकार के द्वारा कराया गया था। इसका निर्माण 2013 में पूरा हुआ था जिस पर 360 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। उम्मीद जताई गई थी कि बीआरटीसी के निर्माण के बाद भोपाल में ट्रैफिक की समस्या ख़त्म हो जाएगी और सार्वजनिक यातायात को भी प्रोत्साहन मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सड़को के चौड़ीकरण के मकसद से बनाये गए कॉरिडोर की वजह से वह और भी संकरी हो गई। नतीजतन भोपाल में ट्रैफिक की समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई। इतना ही नहीं बल्कि बसों के अलावा बीआरटीसी में दूसरे वाहन भी दौड़ने लगे। हालाँकि इन्हे रोकने मैनपावर का इस्तेमाल हुआ लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ा।
बात करें दिल्ली की तो यहां भी एक वक़्त में बसों के लिए इसी तरह के विशेष गलियारे बनाये गए थे लेकिन मौजूदा केजरीवाल की सरकार ने उन्हें हटा दिया। वही जयपुर में भी बनाये गया इस विशेष गलियारों को हटाने की कवायद शुरू कर दी गई है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कॉरिडोर ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए स्थाई समाधान नहीं हैं जबकि यातायात पर दबाव बढ़ने पर यह उलटे मुसीबत का सबब भी बन सकता हैं।