Reported By: Akash rao madne
,Durg Crime News / Image Source : IBC24
दुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले से एक गंभीर मामला सामने आया है। रेलवे माल गोदाम में स्थायी नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने धर दबोचा है। 28 बेरोज़गारों से आरोपियों ने लगभग 33 लाख 50 हजार रुपए की धोखाधड़ी की थी। आरोपियों से पुलिस ने दो लाख 20 हजार नकदी, दो चारपहिया और एक स्कूटी सहित चार मोबाइल एवं पासबुक-एटीएम जब्त किया है।
Durg Crime News एडिशनल एसपी अभिषेक झा ने जानकारी देते हुए बताया कि बेरोज़गारों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर यह लोग धोखाधड़ी करते थे। यह पूरा मामला दुर्ग के उतई थाना क्षेत्र का है। रीति देशलहरा ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी।
बिसेसर मार्कंडेय ने रीति को प्रलोभन दिया था कि वह भारतीय रेलवे माल गोदाम का बड़ा लीडर है। अगर उसे और उसके परिचित किसी को भी स्थायी नौकरी चाहिए तो वह दिलवा देगा। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को ढाई लाख रुपये देने पड़ेंगे। रीति देशलहरा ने 2022 से लेकर 24 अप्रैल 2023 के मध्य अपने जान-पहचान के 28 बेरोज़गारों से कुल 33 लाख 50 रुपए दिलवा दिए। लेकिन इसके बाद न तो उसने नौकरी दिलाई और न ही रकम वापस किए। 28 लोगों से 33 लाख 50 हजार रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देकर वह गायब हो गया।
Durg Crime News पुलिस ने इस पूरे मामले में बिसेसर मार्कंडेय, प्रमोद मार्कंडेय और हेमंत साहू को गिरफ्तार किया है। बिसेसर मार्कंडेय और प्रमोद मार्कंडेय पिता-पुत्र हैं। फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है।