सालासर बालाजी धाम में चौथा वार्षिकोत्सव, पं. विजय शंकर मेहता ने बताया हनुमत महात्मय, मंदिर परिसर में दिखा धार्मिक उल्लास

राजधानी के सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना के चार साल पूरे हो गए हैं... इस मौके पर सालासर धाम में एक दिनी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए...मंदिर में बुधवार सुबह से ही शुरू हुए अनुष्ठानों का सिलसिला दोपहर तक चला...इसके बाद शाम को जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता ने सुंदरकांड में वर्णित हनुमान जी के महात्मय पर व्याख्यान दिया।

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  • Publish Date - February 16, 2022 / 09:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

salaser dham

रायपुर । राजधानी के सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना के चार साल पूरे हो गए हैं… इस मौके पर सालासर धाम में एक दिनी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए…मंदिर में बुधवार सुबह से ही शुरू हुए अनुष्ठानों का सिलसिला दोपहर तक चला…इसके बाद शाम को जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता ने सुंदरकांड में वर्णित हनुमान जी के महात्मय पर व्याख्यान दिया।

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वार्षिकोत्सव में हनुमान जी की पूजा-आरती, उत्सव… और धार्मिक उल्लास का दृश्य रायपुर के भगवान सालासर बालाजी मंदिर के पावन धाम में देखने को मिला है। जयपुर के सालासर बालाजी के मंदिर की तर्ज पर रायपुर में बने इस मंदिर ने अपनी स्थापना के चार साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर आयोजित वार्षिकोत्सव में सुबह से कोरोना प्रोटोकॉल के साथ धार्मिक अनुष्ठान का सिलसिला शुरू हुआ। भगवान बालाजी का दुग्धाभिषेक करने के बाद सवामणी भोग चढ़ाया गया। मंदिर परिसर सुंदर कांड की चौपाइयों से दिनभर गुंजायमान रहा।

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वार्षिकोत्सव की कड़ी में शाम को जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता ने ‘सदियों से सुंदर सालासर हनुमान’ सुंदरकांड में वर्णित हनुमान जी के महात्मय पर व्याख्यान दिया…पंडित जी ने बताया कि सुंदरकांड में सफलता का सूत्र है…सुंदरकांड ही है जिसने हनुमान जी की पहचान कराई…

व्याख्यान के बाद मंदिर समिति ने पंडित विजय शंकर मेहता को स्मृति चिन्ह भेंट किया…इसके बाद भगवान की महाआरती की गई…सालासर बालाजी का पावन धाम मध्यभारत का पहला मान्यता वाला मंदिर है। जिसकी पूरे छत्तीसगढ़ में मान्यता है। इसीलिए मंदिर के वार्षिकोत्सव में प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और अनुष्ठानों में हिस्सा लिया।