JNU Controversy: ‘लोग दोस्त बनने के बाद संबंध बनाते हैं….लड़के का टच करना लड़की को नहीं पसंद तो बताना चाहिए’

यौन उत्पीड़न पर परामर्श सत्र में भाग लेने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने एक सर्कुलर निकाला। अब इस सर्कुलर पर विवाद गहरा गया है।

JNU Controversy: ‘लोग दोस्त बनने के बाद संबंध बनाते हैं….लड़के का टच करना लड़की को नहीं पसंद तो बताना चाहिए’
Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: December 29, 2021 3:11 pm IST

नयी दिल्ली। यौन उत्पीड़न पर परामर्श सत्र में भाग लेने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने एक सर्कुलर निकाला। अब इस सर्कुलर पर विवाद गहरा गया है। इस सर्कुलर में शब्दों के चयन को लेकर विवाद खड़ा होने के अगले दिन विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति की पीठासीन अधिकारी ने कहा कि सभी का किसी भी बात को देखने का अपना दृष्टिकोण होता है। निमत्रंण में एक पंक्ति है कि ‘लड़कियों से यह उम्मीद की जाती है कि उन्हें यह पता होना चाहिए कि अपने और अपने पुरूष मित्रों के बीच दायरा कैसे तय करना है।’

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छात्र संगठनों एवं अध्यापकों ने इसकी निंदा की और कहा कि इससे पीड़िता को शर्मसार करने की बू आती है। विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति ने विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर यह निमंत्रण डाला था जिसमें कहा गया था कि वह 17 जनवरी को यौन उत्पीड़न विषय पर परामर्श सत्र का आयोजन करेगी। उसने यह भी कहा था कि ऐसा सत्र हर महीने आयोजित किया जाएगा।

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समिति की पीठासीन अधिकारी ने कहा, ‘ हमारे पास जो मामले आते हैं, उनमें से कई ऐसे होते हैं जहां पुरूष और महिला करीबी दोस्त होते हैं। ऐसे में अगर महिला को उसे जिस तरह से स्पर्श किया जा रहा है, वह सही नहीं लग रहा है तो उसे ‘ना’ कहना चाहिए। यह बात अपने मन में नहीं रखनी चाहिए। लोग दोस्त बनने के बाद संबंध बनाते हैं। यदि उन्हें स्पर्श पसंद नहीं आ रहा हो तो, स्पष्ट कहना चाहिए।’

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उन्होंने कहा कि पुरूष यौन उत्पीड़न के परिणाम के बारे में परिचित नहीं होते हैं और इस परामर्श सत्र में उन्हें बताया जाएगा कि यदि वे मना करने के बाद भी किसी को असहज कर दे रहे हैं या अनपयुक्त ढंग से स्पर्श कर रहे हैं तो उसके क्या परिणाम हो सकते हैं। आलोचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘सभी का चीजें को देखने का अपना नजरिया और तरीका होता है। वे परामर्श सत्र को सकारात्मक ढंग से देख सकते हैं और उन्हें नजर आ सकता है कि ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।’

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इससे पहले दिन में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने विश्वविद्यालय द्वारा जारी किये गये ‘महिला-द्वेषी’ परिपत्र वापस लेने की मांग की थी। शर्मा ने इस निमंत्रण को टैग करते हुए ट्वीट किया था, ‘हमेशा सारे उपदेश लड़कियों के लिए क्यों होते हैं? उत्पीड़न करने वालों को, न कि पीड़िता को सिखाने का समय है। जेएनयू का महिला -द्वेषी परिपत्र वापस लिया जाना चाहिए। आंतरिक समिति को पीड़िता केंद्रित रूख रखना चाहिए। अन्यथा नहीं।’


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com