दिल्ली में बीजेपी के मेगा रैली में प्रधानमंत्री ने नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा, पीएम मोदी ने कहा कि दलित राजनीति करने का दावा करने वालों से भी पूछना चाहता हूं कि आप इतने वर्षों से चुप क्यों थे, आपको इन दलितों की तकलीफ कभी क्यों नहीं दिखाई दी, आज जब इन दलितों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता दूर करने का काम मोदी सरकार कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रिफ्यूजी का जीवन क्या होता है, बिना किसी कसूर के अपने घरों से निकाल देने का दर्द क्या होता है, ये दिल्ली से बेहतर कौन समझ सकता है। यहां का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां बंटवारे के बाद किसी ऱिफ्यूजी का, बंटवारे से अल्पसंख्यक बने भारतीय का आंसू ना गिरा हो। सड़क पर हो रहा ये बवाल उन आंसुओं का अपमान है। सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है।
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पीएम मोदी ने कहा कि हमारे तीन पड़ोसी देशों के वो अल्पसंख्यक, जो अत्याचार की वजह से वहां से भागकर भारत आने को मजबूर हुए हैं, उन्हें इस एक्ट में कुछ रियायतें दी गई हैं, कुछ ढील दी गई है। महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है।
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मोदी ने कहा मनमोहन सिंह जी ने संसद में खड़े होकर कहा था कि हमें बांग्लादेश से आए उन लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिनका अपनी आस्था की वजह से वहां पर उत्पीड़न हो रहा है, जो वहां से भाग कर भारत आ रहे हैं। एक दौर था जब असम के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई जी भी चिट्ठियां लिखा करते थे, असम कांग्रेस में प्रस्ताव पास हुआ करते थे कि जिन लोगों पर बांग्लादेश में अत्याचार हो रहा है, जो वहां से हमारे यहां आ रहे हैं, उनकी मदद की जाए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी मांग करते थे कि जो हिंदू या सिख पाकिस्तान से भागकर यहां आए हैं, उनकी स्थिति सुधारी जाए।
आज ममता दीदी, कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई हैं। लेकिन कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खड़े होकर गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए, वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए। आज जिस वामपंथ को भारत की जनता नकार चुकी है, जो अब समाप्ति पर है, उसी के दिग्गज नेता प्रकाश करात ने भी धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश से आने वालों को मदद की बात कही थी। आज जब इन्हीं लोगों के राजनीतिक दल, धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने से मना कर रहे हैं, तो इनका असली चेहरा भी देश के लोगों के सामने आ रहा है। उस समय की हमदर्दी सिर्फ बहाना था, देश की जनता के साथ बोला गया सफ़ेद झूठ था।
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मोदी ने कहा आज जो पार्टियां यहां शोर मचा रही हैं, वो 2004 में कहां थीं जब वहां की सरकार ने कहा कि राज्य से बाहर के निवासी से शादी करने पर जम्मू-कश्मीर की बेटियों की वहां की नागरिकता खत्म हो जाएगी। क्या वो भेदभाव भारत के संविधान की स्पिरिट के अनुसार थानागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे और 130 करोड़ देशवासिओं को बहुत तकलीफ होती है। लेकिन जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी होता है। पीएम मोदी ने कहा मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वो फिर कभी हिंसा का, अलगाव का, बाटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़, हथियार उठाने वालों के ख़िलाफ़, आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिये प्रेरित करेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा। यही कसौटी है। तिरंगा उठाना हमारा अधिकार है लेकिन हाथो में आया तिरंगा ज़िम्मेदारियां भी लेकर आता है। कांग्रेस और उसके सहयोगी आज इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुसलिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिलता है। क्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज जो इस्लामिक वर्ल्ड है, हमारे जो गल्फ के देश हैं, उनके साथ भारत के संबंध मौजूदा दौर में सबसे बेहतरीन हैं, फिलिस्तीन हो, ईरान हो, सऊदी अरब हो, यूएई हो, या फिर जॉर्डन, तमाम देशों के साथ भारत के रिश्ते आज एक नई ऊंचाई को छू रहे हैं, अफ्गानिस्तान हो या फिलिस्तीन, सऊदी अरब हो या यूएई, मालदीव हो या बहरीन – इन सब देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है, भारत की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने की कोशिश की है।
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आप आश्वस्त रहिए, इन लोगों की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश के लिए, देश की एकता के लिए, शांति और सद्भाव के लिए, मुझसे जो भी बन सकेगा, मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। ये लोग तो मेरे साथ आज से नहीं दो दशकों से इसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं, अपने इसी पैटर्न पर चल रहे हैं. जो लोग गिद्ध की तरह भी नोचेंगे तो भी ये मोदी देश के लिए जियेगा, जूझता रहेगा, काम करता रहूंगा।