cut the salary of government employees: मणिपुर में बीते दो महीने से हिंसा का दौर जारी है। राज्य में इंटरनेट सेवा पर बैन 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। कई जगहों पर महिलाओं की भीड़ के सुरक्षाबलों को घेरने की खबरें सामने आईं। इसी बीच भाजपा के नेतृत्व वाली बिरेन सिंह सरकार ने 1 लाख सरकारी कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है। सरकार ने सभी कर्मचारियों के खिलाफ नो-वर्क-नो-पे सख्ती लागू कर दी है। यानी काम पर नहीं जा रहे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की जाएगी।
दरससल मणिपुर की बिरेन सिंह सरकार ने वैसे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती दिखाई है, जो 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद से बिना अधिकृत छुट्टी के अपने कार्यालयों से बाहर हैं। खासकर उन कर्मचारियों के खिलाफ जो पहाड़ी जिलों की घाटी में तैनात किया गया है।
सरकार ने ऐडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी से सभी कर्मचारियों की सूची मांगी गई है, जो हिंसा के बाद से अपने ऑफिस में उपस्थित नहीं हुए हैं। सरकार ने सभी कर्मचारियों के नाम, पद, ईआईएन और वर्तमान पते की डीटेल मांगी है।
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cut the salary of government employees: गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच हुए जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं।