केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को गार्ड ने मारा डंडा, रात में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे अस्पताल… जानें आगे क्या हुआ

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि बीते दिनों जब सफदरजंग अस्पताल में वे औचक निरीक्षण करने के लिए आम मरीज बनकर पहुंचे तो बेंच पर बैठने नी एक गार्ड ने उन्हें डंडा मार दिया।

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  • Publish Date - September 17, 2021 / 01:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

नई दिल्ली। union health minister mansukh mandaviya :केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि बीते दिनों जब सफदरजंग अस्पताल में वे औचक निरीक्षण करने के लिए आम मरीज बनकर पहुंचे तो बेंच पर बैठने नी एक गार्ड ने उन्हें डंडा मार दिया। मंत्री ने कहा उस दौरान उन्हें अस्पताल में काफी अव्यवस्था दिखी। यह बात मांडविया ने गुरुवार को उसी अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी चार सुविधाएं शुरू करने के दौरान कार्यक्रम में मौजूद डाक्टरों से साझा की।

union health minister mansukh mandaviya : मांडविया ने सफदरजंग अस्पताल में नए आक्सीजन प्लांट, कोरोना के इलाज के लिए तैयार अस्थायी अस्पताल सहित 4 सुविधाओं का शुभारंभ किया। इसके बाद डाक्टरों को संबोधित करते हुए उन्होंने यहां औचक निरीक्षण के समय की आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि वह एक आम मरीज की तरह बेंच पर बैठे तो गार्ड ने उन्हें डंडा मारा और कहा कि यहां नहीं बैठना।

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मांडविया ने बताया कि अस्पताल में लगभग 75 साल की एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे के लिए स्ट्रेचर की जरूरत थी। परेशान हो रही बुजुर्ग महिला को स्ट्रेचर दिलाने और ले जाने में सुरक्षा गार्डों ने मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि अस्पताल में व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि मरीजों को बिल्कुल भी परेशानी न हो। यदि अस्पताल में 1500 गार्ड हैं तो ये स्ट्रेचर ले जाने में बुजुर्ग महिला की मदद क्यों नहीं कर सकते।

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प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा गार्ड को निलंबित किया?

मंत्री ने बताया कि उन्होंने इस औचक निरीक्षण का अनुभव प्रधानमंत्री मोदी से भी साझा किया। पीएम ने पूछा कि क्या जिस गार्ड ने डंडा मारा, उसे निलंबित कर दिया? जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नहीं, क्योंकि वह व्यवस्था को बेहतर बनाना चाहते हैं। अस्पताल व डाक्टरों को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए मांडविया ने कोरोना के इलाज में डाक्टरों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि सभी डाक्टरों को टीम वर्क के रूप में काम करना चाहिए।

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उल्लेखनीय है कि विगत 24 अगस्त की रात वह आम मरीज बनकर सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी ब्लाक में पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सीजीएचएस की एक डिस्पेंसरी का भी औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने गुरुवार को भी अस्पताल में मरीजों से बातचीत की और सुविधाओं के बारे में पूछा। इससे पूर्व बुधवार को भी उन्होंने आरएमएल अस्पताल में औचक निरीक्षण किया था।