(EPFO Claims/ Image Credit: ANI News)
EPFO Claims: नौकरीपेशा लोगों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक अहम और राहत भरा कदम उठाया है। दिसंबर 2025 में जारी नए सर्कुलर के जरिए ईपीएफओ ने इंश्योरेंस से जुड़े नियमों को सरल बनाते हुए लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत किया है। इस फैसले से लंबे समय से चली आ रही तकनीकी परेशानियों पर लगाम लगेगी।
अब तक यदि कोई कर्मचारी एक कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी जॉइन करता था और बीच में शनिवार-रविवार आ जाते थे, तो इन्हें सर्विस ब्रेक मान लिया जाता था। इसी वजह से कई मामलों में एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड (EDL) इंश्योरेंस क्लेम खारिज हो जाते थे। नए नियमों के अनुसार अब दो नौकरियों के बीच आने वाले वीकेंड को सर्विस में रुकावट नहीं माना जाएगा।
ईपीएफओ ने साफ किया है कि नौकरी बदलते समय यदि राष्ट्रीय अवकाश, गजटेड हॉलिडे, राज्य सरकार की छुट्टी या रेस्ट्रिक्टेड हॉलिडे आता है, तो वह भी सर्विस ब्रेक नहीं होगा। इसका फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा, जिनकी जॉइनिंग डेट छुट्टियों की वजह से आगे बढ़ जाती थी।
नए सर्कुलर के तहत अगर किसी कर्मचारी की दो नौकरियों के बीच 60 दिन तक का अंतर भी होता है, तब भी उसे लगातार सर्विस माना जाएगा, बशर्ते वह ईपीएफ के दायरे में हो। इससे उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जो मामूली गैप की वजह से इंश्योरेंस क्लेम से वंचित रह जाते थे।
ईपीएफओ ने अच्छी पहल करते हुए EDLI स्कीम के तहत न्यूनतम इंश्योरेंस राशि 50,000 रुपये तय कर दी है। अब चाहे कर्मचारी का पीएफ बैलेंस कम हो या 12 महीने की सर्विस पूरी न हुई हो, नॉमिनी को कम से कम 50,000 रुपये जरूर मिलेंगे। यहां तक कि अंतिम पीएफ योगदान के 6 महीने के भीतर मृत्यु होने पर भी परिवार क्लेम का हकदार होगा।