बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय का हैदराबाद में तलाशी अभियान

बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय का हैदराबाद में तलाशी अभियान

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  • Publish Date - July 23, 2025 / 10:30 PM IST,
    Updated On - July 23, 2025 / 10:30 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में हैदराबाद में एक कंपनी और उसकी सहयोगी इकाइयों के छह ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया है।

ईडी ने बुधवार को बयान में कहा कि यह कार्रवाई एसईडब्ल्यू एलएसवाई हाईवेज लिमिटेड और उसकी समूह कंपनियों के प्रवर्तकों और निदेशकों के खिलाफ की गई है। उन पर 621.78 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है।

ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की। प्राथमिकी में कथित तौर पर ऋण राशि की हेराफेरी, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार के कारण सार्वजनिक धन की हानि का उल्लेख है।

बयान के मुताबिक, ईडी के हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने मंगलवार को धनशोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एसईडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एसआईएल) और प्रसाद एंड कंपनी (प्रोजेक्ट वर्क्स) प्राइवेट लिमिटेड (पीएसपीडब्ल्यूपीएल) सहित समूह की कंपनियों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया।

यूपी राज्य राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा एसआईएल और पीएसपीडब्ल्यूपीएल को दिए गए एक रियायती अनुबंध के निष्पादन के लिए एक विशेष इकाई (एसपीवी) के तौर पर एसईडब्ल्यू एलएसवाई हाईवेज लिमिटेड का गठन किया गया था।

इस परियोजना के लिए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की अगुवाई वाले 14 बैंकों के एक समूह ने 1,700 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया था।

ईडी की जांच में पाया गया कि परियोजना का एक हिस्सा समूह की कंपनी एसईडब्ल्यू ट्रांसपोर्ट नेटवर्क्स लिमिटेड (एसटीएनएल) को उप-अनुबंधित किया गया था, जिसने इसे कम कीमतों पर अन्य संस्थाओं को उप-अनुबंधित कर दिया।

जांच एजेंसी का आरोप है कि उप-अनुबंध गतिविधि के चलते एसआईएल और उसकी समूह की संस्थाओं ने कथित तौर पर ऋण राशि की हेराफेरी की।

तलाशी अभियान के दौरान ऋण राशि की हेराफेरी से संबंधित वित्तीय दस्तावेज़ और प्रवर्तकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर लगभग 120 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए।

इसके साथ एसईडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, एसटीएनएल, उनके निदेशकों और परिवार के सदस्यों के कुल 33 बैंक खाते भी कुर्क कर दिए गए हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय