एनएसईएल निवेशकों का वित्त मंत्रालय से एकमुश्त निपटान में तेजी लाने का अनुरोध

एनएसईएल निवेशकों का वित्त मंत्रालय से एकमुश्त निपटान में तेजी लाने का अनुरोध

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 04:24 PM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 04:24 PM IST

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंच एनआईएफ ने एकमुश्त निपटान योजना (ओटीएस) को तेजी से और सुचारू ढंग से लागू करने के लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क करने का फैसला किया है।

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने हाल ही में इस ओटीएस को मंजूरी दी है।

एनएसईएल निवेश मंच (एनआईएफ) के चेयरमैन शरद सराफ ने कहा कि एनएसईएल, उसकी मूल कंपनी 63 मून्स टेक्नोलॉजीज और निवेशकों के बीच हुआ यह ऐतिहासिक समाधान समझौता कई साल से चली आ रही कानूनी अनिश्चितता के बाद ठोस और न्यायसंगत समाधान प्रस्तुत करता है।

उन्होंने कहा, “हम वित्त मंत्रालय से आग्रह करेंगे कि वह एकमुश्त समाधान योजना के जल्द से जल्द क्रियान्वयन में सहयोग करे, ताकि निवेशकों को भुगतान शीघ्र हो सके।”

एनआईएफ ने कहा कि वह ओटीएस के पारदर्शी, सहज और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है और हर चरण में सरकार के सहयोग की अपेक्षा करता है। समाधान और निवेशकों को अंतिम भुगतान की प्रक्रिया को तेज करने के मकसद से वित्त मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है।

हाल ही में एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने एनएसईएल और एनआईएफ के बीच समाधान योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत 5,682 कारोबारियों को 31 जुलाई, 2024 तक बकाया राशि के अनुपात में 1,950 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके बदले समूह के खिलाफ कानूनी मामलों को बंद किया जाएगा और कारोबारियों के सभी अधिकार 63 मून्स टेक्नोलॉजीज को सौंप दिए जाएंगे।

सराफ ने एनएसईएल और 63 मून्स के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश में समान वित्तीय विवादों के समाधान का एक उदाहरण स्थापित होगा।

उन्होंने केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और जांच एजेंसियों को भी समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एनसीएलटी की मंजूरी के बाद निवेशक भुगतान के और करीब पहुंच गए हैं।

ओटीएस 10 लाख रुपये से अधिक के दावों वाले निवेशकों के लिए है, जबकि छोटे दावों का भुगतान पहले ही हो चुका है। अब तक 750 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है।

ओटीएस के तहत 49.3 से 64 प्रतिशत तक का निपटान भुगतान प्रस्तावित है।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

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