कंपनियों से ग्राहकों के बीच लेन-देन के लिए क्यूआर कोड का अनुपालन नहीं करने को लेकर जुर्माने से छूट

कंपनियों से ग्राहकों के बीच लेन-देन के लिए क्यूआर कोड का अनुपालन नहीं करने को लेकर जुर्माने से छूट

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  • Publish Date - November 30, 2020 / 11:03 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) सरकार ने कंपनियों से ग्राहकों (बी टू सी) के बीच लेन-देन से जुड़े बिलों के मामले में क्यूआर कोड प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना लगाये जाने से छूट प्रदान की है। यह छूट 31 मार्च, 2021 तक के लिये सृजित बिलों को लेकर दी गयी है।

हलांकि, कंपनियों के लिये जुर्माने से छूट लेने के लिए एक अप्रैल, 2021 से क्यूआर कोड प्रावधानों को अनुपालन करना अनिवार्य होगा।

बी टू सी बिलों पर क्यूआर कोड प्रकाशित करने की व्यवस्था एक दिसंबर से लागू की गयी है। ‘क्विक रिस्पांस कोड’ (क्यूआर कोड) से उपयोगकर्ताओं को डिजिटल तरीके से हस्ताक्षर किये गये ई-बिलों में ब्योरे को सत्यापित करने में मदद मिलती है।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत जिन कंपनियों का कारोबार 500 करोड़ रुपये से अधिक है, उन्हें एक अक्टूबर से कंपनियों के बीच (बी टू बी) लेन-देन को लेकर ई-बिल सृजित करने हैं। हालांकि, कंपनियों से ग्राहकों के बीच यानी बी टू सी मामले में इसे अबतक अनिवार्य नहीं किया गया है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 29 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा कि कंपनियों से ग्राहकों के बीच लेन-देन को लेकर क्यूआर कोड प्राधानों के अनुपालन नहीं करने को लेकर जुर्माने से छूट दी गयी है। यह छूट एक दिसंबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक के लिये है। यह छूट इस शर्त पर निर्भर है कि उक्त व्यक्ति एक अप्रैल, 2021 से इस प्रावधान का अनुपालन करेगा।

इस बारे में ईवाई कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने मार्च, 2021 तक कंपनियों और ग्राहकों के बीच लेन-देन में क्यूआर कोड का अनुपालन नहीं करने को लेकर जुर्माने से छूट देकर जरूरी राहत प्रदान की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई कंपनियां अभी इसके लिये तैयार नहीं थीं। इस छूट से उन्हें नियमन के अनुपालन को लेकर समय दिया गया है।’’

भाषा

रमण अजय

अजय