एफटीए, ब्रिटेन-भारत दृष्टिकोण 2035 द्विपक्षीय संबंधों में अहम बदलाव का प्रतीक: विदेश मंत्री लैमी

एफटीए, ब्रिटेन-भारत दृष्टिकोण 2035 द्विपक्षीय संबंधों में अहम बदलाव का प्रतीक: विदेश मंत्री लैमी

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  • Publish Date - July 24, 2025 / 10:29 AM IST,
    Updated On - July 24, 2025 / 10:29 AM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 24 जुलाई (भाषा) ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर और उनके भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को ब्रिटेन-भारत दृष्टिकोण-2035 का नया खाका पेश करेंगे। इसमें रक्षा, प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में स्पष्ट लक्ष्य तय किए जाएंगे।

लैमी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) स्वाभाविक रूप से मोदी-स्टार्मर वार्ता का मुख्य मुद्दा होगा।

समझौते पर हस्ताक्षर होने से कुछ घंटे पहले ब्रिटेन ने कहा कि इस ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते से बाजार पहुंच में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे द्विपक्षीय व्यापार में सालाना करीब 34 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होगी।

लैमी ने कहा कि ब्रिटेन-भारत दृष्टिकोण-2035, मुक्त व्यापार समझौते के आधार पर नए अवसरों को खोलेगा जो रक्षा सहयोग को मजबूत करेंगे और दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच नवाचार को बढ़ावा देंगे।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन इस बात से काफी खुश है कि प्रधानमंत्री मोदी एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए आए हैं, जो यूरोपीय संघ (ईयू) छोड़ने के बाद ब्रिटेन के लिए सबसे ‘‘महत्वपूर्ण’’ द्विपक्षीय व्यापार समझौता है। साथ ही यह भारत द्वारा हस्ताक्षरित अब तक का ‘‘सबसे व्यापक’’ समझौता है।

अनुमान है कि इससे द्विपक्षीय व्यापार में 25.5 अरब पाउंड की वृद्धि होगी, ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.8 अरब पाउंड की वृद्धि होगी तथा दीर्घावधि में मजदूरी में 2.2 अरब पाउंड की वार्षिक वृद्धि होगी।

यह यात्रा व्यापार से कहीं आगे तक जाएगी। यह ब्रिटेन और भारत के बीच पुनर्जीवित साझेदारी के बारे में है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ब्रिटेन-भारत दृष्टिकोण 2035 हमारे नेताओं के बीच एक महत्वाकांक्षी, भविष्य-केंद्रित समझौता है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के लिए विकास, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करना है।’’

विदेश नीति के मोर्चे पर मंत्री ने भारत को हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में एक ‘‘महत्वपूर्ण साझेदार’’ बताया जो एक स्वतंत्र, खुले एवं सुरक्षित क्षेत्र के लिए ब्रिटेन की साझा प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

लैमी ने जोर देकर कहा, ‘‘ भारत 21वीं सदी की उभरती हुई महाशक्ति है, 1.4 अरब लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा देश और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। दृष्टिकोण 2035 और आज दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित किए जाने वाले व्यापार समझौते के जरिये ब्रिटेन अगले दशक में भारत के साथ साझेदारी करने की सबसे अच्छी स्थिति में है।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा