कम मुद्रास्फीति, निर्यात बढ़ने के चलते पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि: नोमुरा

कम मुद्रास्फीति, निर्यात बढ़ने के चलते पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि: नोमुरा

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  • Publish Date - September 1, 2025 / 03:19 PM IST,
    Updated On - September 1, 2025 / 03:19 PM IST

मुंबई, एक सितंबर (भाषा) जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि से नीतिगत स्तर पर आत्मसंतुष्टि नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह महंगाई में नरमी और ट्रंप प्रशासन के शुल्क युद्ध के बाद निर्यात बढ़ने के कारण हुई है।

ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि निर्यातकों का समर्थन करने और घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत कदम आवश्यक है। इसके तहत 2025 के अंत तक रेपो दर में आधा प्रतिशत की कटौती करके इसे पांच प्रतिशत करना, निर्यात में विविधता लाना, प्रभावित निर्यातकों को राजकोषीय और ऋण सहायता देना और सुधार प्रोत्साहन शामिल हैं।

इसने कहा, ”आर्थिक चक्र को लेकर हमारा नजरिया बदला नहीं है, लेकिन वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही की उच्च जीडीपी वृद्धि को देखते हुए, हम सांख्यिकीय रूप से वित्त वर्ष 2025-26 के अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को छह प्रतिशत से संशोधित कर 6.6 प्रतिशत कर रहे हैं।”

नोमुरा ने कहा कि जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि मजबूत अंतर्निहित मांग का संकेत नहीं है और इसे कम मुद्रास्फीति और निर्यात में बढ़त से बढ़ावा मिला है।

ब्रोकरेज फर्म ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि उच्च शुल्क का असर सितंबर के बाद दिखाई देगा।”

नोमुरा ने यह भी कहा कि तीसरी तिमाही में वृद्धि दर तेजी से घटकर छह प्रतिशत रहने का अनुमान है और चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह और कम होकर 5.6 प्रतिशत पर आ सकती है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण