दफ्तरों के लिए जगह पट्टे पर लेने के मामले में वैश्विक क्षमता केंद्रों की हिस्सेदारी बढ़ी: रिपोर्ट

दफ्तरों के लिए जगह पट्टे पर लेने के मामले में वैश्विक क्षमता केंद्रों की हिस्सेदारी बढ़ी: रिपोर्ट

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  • Publish Date - February 24, 2025 / 06:46 PM IST,
    Updated On - February 24, 2025 / 06:46 PM IST

नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) पिछले कुछ वर्षों से भारतीय कार्यालय स्थल बाजार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की मौजूदगी बढ़ रही है। इसके साथ दो साल में कुल पट्टे में जीसीसी की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से अधिक हो गयी है। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक रिसर्च की एक एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

देश के सात प्रमुख शहर वर्तमान में पट्टा गतिविधियों के लिए इन कंपनियों के शीर्ष रडार पर हैं, वहीं केंद्रीय बजट 2025-26 में सरकार द्वारा हाल ही में दिए गए समर्थन से दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में भी मांग बढ़ने की उम्मीद है।

एनारॉक रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख सात शहरों में पिछले दो वर्षों – 2023 और 2024 में 14.14 करोड़ वर्ग फुट से अधिक का सकल पट्टा देखा गया। इसमें से अकेले जीसीसी ने लगभग 5.29 करोड़ वर्ग फुट कार्यालय स्थान पट्टे पर लिया। यह कुल पट्टे का 37 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है।

पिछले दो वर्षों में शहर में लगभग 2.4 करोड़ वर्ग फुट सकल कार्यालय स्थान पट्टे पर दिए जाने के साथ बेंगलुरू शीर्ष पर रहा, जो कुल पट्टा स्थल का 46 प्रतिशत है।

इस दौरान जीसीसी द्वारा पट्टे पर दिए गए सकल कार्यालय स्थान के मामले में हैदराबाद दूसरे स्थान पर था। इसकी प्रमुख सात शहरों में लगभग 19 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

एनारॉक समूह के प्रबंध निदेशक (वाणिज्यिक पट्टा एवं परामर्श) पीयूष जैन ने कहा, “पिछले दो-तीन वर्षों में भारत के बढ़ते आर्थिक प्रभाव ने जीसीसी का आत्मविश्वास बढ़ाया है और उन्हें बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, पुणे और चेन्नई सहित देश के प्रमुख बाजारों की ओर आकर्षित किया है। दिलचस्प बात यह है कि कोविड महामारी से पहले के समय के विपरीत (जब इनमें से अधिकांश जीसीसी की नजर आईटी/आईटीईएस और बीएफएसआई क्षेत्रों पर थी), अब उनका ध्यान इंजीनियरिंग और विनिर्माण सहित अन्य क्षेत्रों पर केंद्रित हो रहा है।”

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 के बजट ने राज्यों को जीसीसी को आकर्षित करने और बढ़ावा देने में मदद करने के लिए एक राष्ट्रीय मार्गदर्शन ढांचे की शुरुआत की घोषणा करके भारत में जीसीसी को आकर्षित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया, जिससे वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हुई।

भाषा

अनुराग रमण

रमण